हरिद्वार। नशा मुक्त भारत अभियान के तहत केंद्र सरकार के आदेश द्वारा श्री श्री रविशंकर की आर्ट ऑफ लिविंग के हरिद्वार चैप्टर की ओर से 06 दिवसीय विशेष प्रोग्राम रोशनाबाद जेल हरिद्वार में संपन्न हुआ। देश के युवा नशा और नशीली दवाइयों से प्रभावित होते जा रहे हैं। इस बढ़ते सैलाब को रोकना होगा। इस शिवर में तेजिंदर सर ने नशे से होने वाले नुकसान के बारे में कैदियों को अवगत कराया। हर नशा गलत है लेकिन ड्रग्स का नशा शरीर और मन के लिए हर तरह से बहुत ही हानिकारक है। मन नकारात्मक विचारों से भर जाता है और जीवन में क्या सही है और क्या गलत है कोई महत्व नहीं रखता। इस तरह नशा करके हर तरह से शरीर तो खराब होता ही है पूरा परिवार भी तबाह हो जाता है।
ड्रग्स का नशा करने से सबसे ज्यादा नुकसान मानसिक स्थिति का होता है इसलिए कुछ भी हो जाए हमें हर हाल में ड्रग्स के नशे से बचना है। हमें अभियान चलाना है- नशे से मुक्ति, नशे को ना कहने का संदेश घर-घर पहुंचाना होगा।
इस विशेष प्रोग्राम में कैदियों को रोज़, योग ,प्राणायाम, ध्यान और सांसों की सुदर्शन क्रिया का अभ्यास कराया जाता था।
आर्ट ऑफ लिविंग के सीनियर शिक्षक तेजिंदर सिंह पिछले 13 सालों से कैदियों को इस तरह की वर्कशॉप कराते आ रहे हैं।
उनका कहना है सुदर्शन क्रिया अपने आप में एक अद्भुत चमत्कारी सांसों की क्रिया है।
सुदर्शन क्रिया करने से मन शांत होता है नकारात्मक विचारों से मुक्ति मिलती है। शरीर और मन एक नई शक्ति और नयी ऊर्जा को महसूस करते हैं। जब मन में इस तरह का वातावरण बन जाता है तो नशा लेने की लत अपने आप कम होने लगती है और धीरे-धीरे सुदर्शन क्रिया का अभ्यास करने से नशे से पूरी तरह मुक्ति मिल जाती है।
नशा मुक्ति अभियान के तहत इस तरह की वर्कशॉप आर्ट ऑफ़ लिविंग की ओर से स्कूलों में भी की जा रही है।
इस अवसर पर वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. आर.सी. गैरोला ने संदेश दिया – सुदर्शन क्रिया करने से शरीर और मन दोनों स्वस्थ रहते हैं। कैदियों के व्यवहार में सुधार होता है। हम चाहेंगे आर्ट ऑफ लिविंग भविष्य में भी इस तरह के प्रोग्राम हमारे यहां करते रहें ताकि हमारे सभी कैदी इस का फायदा उठा सके।
अंत में शिवर में आए सभी कैदियों ने दोनों हाथ उठाकर पूरे दिल से नशा छोड़ने का संकल्प किया। प्रयोगशाला के आयोजन मे वरिष्ठ जेल सुपरिंटेंडेंट मनोज कुमार, प्रभारी जेलर प्यारेलाल आर्य का विशेष सहयोग और मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।