अन्नदाता किसान यूनियन का तीन दिवसीय चिंतन शिविर संपन्न…

हरिद्वार। अलकंनदा घाट पर आयोजित अन्नदाता किसान यूनियन का तीन दिवसीय राष्ट्रीय चिंतन शिविर खेत, किसान और मजूदरों के हितों के संघर्ष के संकल्प के साथ बुधवार को संपन्न हो गया। शिविर के समापन अवसर पर दिल्ली समेत देश के कई राज्यों से आए हजारों किसानों को संबोधित करते हुए अन्नदाता किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरमुख सिंह विर्क ने कहा कि अभी लंबी लड़ाई बाकी है। एमएसपी पर कानूनी गांरटी लिए बिना किसान पीछे हटने वाला नहीं है। सरकार को एमएसपी पर कानूनी गारंटी का अपना वादा पूरा करना होगा। उन्होंने कहा कि देश की प्रगति के लिए किसान की तरक्की जरूरी है। किसान को उसकी फसल का वाजिब दाम मिलेगा तो किसान खुशहाल होगा और देश आगे बढ़ेगा। लेकिन सरकार किसानों की समस्याओं को दूर करने में नाकाम रही है। जिससे मजबूर होकर किसानों को आंदोलन का सहारा लेना पड़ता है। अन्नदाता किसान यूनियन के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष व राजस्थान प्रभारी सुरेश छिल्लर ने कहा कि दिल्ली में यमुना खादर के किसान पुर्नवास की मांग को लेकर दो साल से आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। यदि सरकार ने तत्काल कदम नहीं उठाए तो जुलाई में संसद का घेराव किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को लागू करे। एमएसपी पर कानूनी गारंटी दे। किसान सम्मान निधि में बढ़ोतरी के साथ फसल की लागत के साथ भुगतान की व्यवस्था लागू की जाए। उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष चन्द्रशेखर चौहान ने बोला कि कोई भी सरकार किसानों का भला नही करती है। अपनी समस्याओं को लेकर किसान आंदोलन करता है तो सरकार ध्यान नही देती। जब आंदोलन का स्वरूप बदल जाता है तो आंदोलन को दबाने का प्रयास किया जाता है। उन्होंने कहा कि आनुवांशिक रूप से संशोधित बीज को बाजार में आने से रोका जाए। संचालन एडवोकेट सुरेंद्र राणा ने किया। सम्मेलन में रेखा कामोठ राष्ट्रीय सलाहकार, राजरूपदास राष्ट्रीय प्रवक्ता, सोनू असन्द हरियाणा, लालजी यादव बाराबंकी, यामीन, देवेंद्र सिंह मट्टू, दुर्गा, नारायणी सिंह, मुन्नी सिंह, कुसुम गॉड, मुन्नी सिंह, अवधेश दीक्षित, लालसिंह हरदोई, अरविंद कुमार सिंह, मनीराम शर्मा, मुर्ज़मीं, जतिया, जलमिन सुरेश छिल्लर, कालूराम जयपुरिया नीतू गौतम, रणधीर, रेखा, सलीम पाशा, वंदना चतुर्वेदी, नीतू किन्नर, राजकुमार पांडे, भानुप्रताप सिंह, चन्द्रशेखर चौहान आदि ने भी किसानों को संबोधित किया।

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