स्वरूप पुरी/सुनील पाल
राजाजी टाइगर रिजर्व में चल रहे बाघों के ट्रांसलोकेसन कार्य के बीच एक खबर ऐसी आयी है जो वन महकमे के साथ प्रदेश के लिए भी खुशखबरी है। कुछ समय पूर्व राजाजी में ट्रांसलोकेट की गई एक बाघिन ने चार शावकों को जन्म दिया है। गौरतलब है कि राजाजी के पश्चिमी छेत्र में बाघों की संख्या महज दो थी। वन्ही दूसरी ओर पूर्वी छेत्र में बाघों की अच्छी खासी तादात है। मगर पश्चिमी छेत्र की सात रेंजों में केवल मोतीचूर में दो बाघिन T1 व T2 मौजूद थी । जो काफी बूढ़ी हो चली थी। ऐसे में कुछ वर्ष पूर्व कॉर्बेट से यंहा बाघों को ट्रांसलोकेट करने की प्रक्रिया शुरू की गई। अब तक एक नर व तीन मादा बाघिनों को यंहा छोड़ा गया था। और अब पांचवे बाघ को लाने की तैयारियां भी चल रही है , इसी बीच इस खबर से सभी वन कर्मी खुश है। वन्ही चार शावकों को जन्म देने के बाद वन महकमे की कई टीमें इसकी मोनीटरनिंग में जुट गई है उम्मीद है कि जल्द ही अन्य बाघिनो के माध्यम से यह कुनबा ओर बढेगा।
“बाघिन ने चार शावकों को जन्म दिया है, बाघों के संरक्षण व संवर्धन के लिहाज से ये एक बेहतर उपलब्धि है, उम्मीद है कि जल्द ही इस छेत्र में एक बार फिर अन्य बाघिनों के माध्यम से बाघों का कुनबा यंहा बढेगा।”
साकेत बडोला , निदेशक राजाजी टाइगर रिजर्व।