चीन के तियानजिन में चल रहे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन भारत की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक मंच पर न केवल भारत की उपलब्धियों और विकास यात्रा को साझा किया बल्कि सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ स्पष्ट संदेश भी दिया।
द्विपक्षीय वार्ता और सहयोग के मुद्दे
बीते दिन पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई, जिसमें सीमा पर शांति, सीधी फ्लाइट, व्यापार और कैलाश मानसरोवर यात्रा जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। भारत ने विशेष रूप से दो देशों के बीच विश्वास और सहयोग बढ़ाने की दिशा में पहल की।
चुनौतियों को अवसर में बदलना
SCO मंच से मोदी ने कहा, “आज भारत ‘रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म’ के मंत्र पर आगे बढ़ रहा है। हमने हर चुनौती को अवसर में बदलने की कोशिश की है। मैं आप सभी को भारत की विकास यात्रा का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित करता हूं।” पीएम मोदी ने यह भी कहा कि SCO समय के साथ विकसित हो रहा है और संगठित अपराध, मादक पदार्थों की तस्करी और साइबर सुरक्षा जैसी चुनौतियों के लिए चार नए केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं।
आतंकवाद: मानवता के लिए चुनौती
प्रधानमंत्री ने आतंकवाद पर भी जोर दिया और कहा कि यह न केवल भारत बल्कि पूरी मानवता के लिए खतरा है। उन्होंने अल-कायदा और उससे जुड़े आतंकवादी संगठनों के खिलाफ भारत की लड़ाई का जिक्र किया और आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ वैश्विक समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया।
पहलगाम का उदाहरण
पीएम मोदी ने हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि माताओं ने अपने बच्चों को खोया और कई बच्चे अनाथ हुए। उन्होंने उन देशों का आभार व्यक्त किया जो इस कठिन समय में भारत के साथ खड़े रहे।
पाकिस्तान पर स्पष्ट नारा
मोदी ने कहा कि आतंकवाद का समर्थन किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है। “ये हमला केवल भारत पर नहीं बल्कि मानवता में विश्वास रखने वाले हर देश और व्यक्ति पर था। सभी को स्पष्ट और एक सुर में आतंकवाद के खिलाफ खड़ा होना चाहिए।” प्रधानमंत्री मोदी ने SCO सम्मेलन के जरिए स्पष्ट संदेश दिया कि भारत न केवल विकास और आर्थिक स्थिरता पर केंद्रित है बल्कि वैश्विक सुरक्षा और मानवता के लिए भी जिम्मेदार भूमिका निभा रहा है। इस शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी की भागीदारी ने वैश्विक मंच पर भारत की मजबूत और जिम्मेदार छवि को और भी प्रभावशाली बनाया।