स्वरूप पूरी/सुनील पाल
राजाजी टाइगर रिजर्व की मोतीचूर रेंज में जल्द ही चौथे बाघ को ट्रांसलोकेट किया जाएगा। इसको लेकर पार्क प्रसाशन ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली है। वन्ही कल देर शाम इस कड़ी में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व ने बड़ी सफलता हासिल की है। कॉर्बेट की ढेला नॉन टूरिज्म क्षेत्र से एक मादा बाघिन को ट्रेंकुलाइज किया गया। कॉर्बेट के पशुचिकित्सक डॉ दुष्यंत व उनकी टीम पिछले कई दिनों से इस अभियान में लगी हुई थी। आखिरकार कल देर रात सफलतापूर्वक एक बाघिन को ट्रैप कर लिया गया। पकड़ी गई बाघिन की उम्र तीन से चार वर्ष के बीच है, व पूर्णतया स्वस्थ है। इसे रेस्क्यू कर ढेला स्थित रेस्क्यू सेंटर में रखा गया है।
मोतीचूर में क़ी जाएगी यह बाघिन ट्रांसलोकेट।
राजाजी टाइगर रिजर्व के पश्चिमी छेत्र में बाघों के ट्रांसलोकेट करने की योजना कुछ वर्ष पूर्व शुरू की गई थी। इस योजना के तहत यंहा पांच बाघों को ट्रांसलोकेट किया जाना है। अब तक दो मादा व एक नर बाघ यंहा लाए जा चुके है। अब जल्द ही चौथी बाघिन भी यंहा पंहुचेगी। गौरतलब है कि पार्क के पश्चिमी छेत्र में मोतीचूर, चीलावाली, कांसरो,धौलखण्ड, बेरिवाडा, रामगढ़ व हरिद्वार रेंज आती है। यह छेत्र बाघों के संरक्षण व संवर्धन को लेकर बेहतर माना गया है। हालांकि अभी तक कॉर्बेट से लाये गए बाघ प्रजनन करने में नाकाम रहे है। ऐसे में उम्मीद है कि नई बाघिन के आ जाने से यंहा बाघों के कुनबे में बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी। वन्ही कॉर्बेट से बाघिन को शिफ्ट किये जाने से पूर्व मोतीचूर स्थित टाइगर बाड़े में सभी व्यवस्थाए पूरी कर ली गयी है।