रामनगर हादसा: सड़क सुरक्षा की अनदेखी, कई महीनों में दस से अधिक दुर्घटनाएं

रामनगर से एक दर्दनाक खबर सामने आई है। उत्तर प्रदेश के संभल जिले के एसडीएम विकास चंद्रा अपनी पत्नी के साथ रामनगर जा रहे थे, तभी उनकी कार पीरूमदारा क्षेत्र में डिवाइडर से टकरा गई। हादसे में दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। जानकारी के अनुसार, एसडीएम विकास चंद्रा खुद गाड़ी चला रहे थे। अचानक उनकी कार डिवाइडर से टकराई, जिससे उनकी और उनकी पत्नी की हालत नाजुक हो गई। प्राथमिक उपचार के बाद दोनों को काशीपुर के केवीआर अस्पताल रेफर किया गया है, जहां उनका उपचार जारी है।

हादसे का खौफनाक माहौल

स्थानीय लोगों ने बताया कि पीरूमदारा क्षेत्र में यह कोई पहला हादसा नहीं है। पिछले कुछ महीनों में दस से अधिक सड़क हादसे इसी स्थान पर हो चुके हैं। बावजूद इसके प्रशासन ने अभी तक इस खतरनाक मार्ग की सुरक्षा को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया। स्थानीय निवासियों का कहना है कि डिवाइडर का निर्माण सही ढंग से नहीं किया गया है, और वहां ना तो रिफ्लेक्टिव साइनेज है और ना ही पर्याप्त रोशनी। यही कारण है कि रात के समय यह स्थान अत्यंत खतरनाक बन जाता है।

प्रशासन की चुप्पी और स्थानीय लोगों की चिंता

स्थानीय लोग प्रशासन की बेरुखी पर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि यदि इस खतरनाक स्थान पर सुरक्षा उपाय और सड़क चिन्ह सही तरीके से लगाए जाएं, तो कई दुर्घटनाओं को रोका जा सकता था। हादसे ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सड़क सुरक्षा की अनदेखी से जीवन कितनी जल्दी खतरे में पड़ सकता है। एसडीएम और उनकी पत्नी जैसे उच्च पदस्थ अधिकारी भी इस समस्या से अछूते नहीं हैं। रामनगर के पीरूमदारा क्षेत्र में SDM विकास चंद्रा की कार हादसा केवल एक दुर्घटना नहीं, बल्कि सड़क सुरक्षा की अनदेखी का सबूत भी है। स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि वह इस खतरनाक मार्ग पर तुरंत सुरक्षा उपाय और पर्याप्त रोशनी, संकेतों का इंतजाम करे, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों से बचा जा सके। हादसे ने यह भी याद दिलाया कि सड़क सुरक्षा और जिम्मेदार निर्माण केवल कानून की आवश्यकता नहीं, बल्कि मानव जीवन की सुरक्षा के लिए भी अनिवार्य है।

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