काठमांडू, नेपाल। भारत के पड़ोसी देश नेपाल इस समय गंभीर राजनीतिक और सामाजिक संकट से गुजर रहा है। राजधानी काठमांडू और कई जिलों में Gen Z के छात्रों और युवाओं द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन हिंसक रूप ले चुके हैं। सड़कें और सार्वजनिक स्थल आगजनी, तोड़फोड़ और पथराव की घटनाओं का सामना कर रहे हैं।
विरोध का कारण और प्रदर्शनकारियों की मांग
प्रदर्शनकारियों का गुस्सा सीधे प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के नेतृत्व और हाल ही में सरकार में हुए मंत्रियों के इस्तीफों पर केंद्रित था। उनकी साफ मांग थी कि ओली तुरंत इस्तीफा दें। सोमवार को पुलिस की फायरिंग में कम से कम 20 लोगों की मौत और 500 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं।
प्रधानमंत्री केपी ओली का इस्तीफा
हालांकि, प्रदर्शनकारी की मांग के बीच नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके पहले गृह मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, कृषि मंत्री समेत 10 मंत्री पहले ही इस्तीफा दे चुके थे। राजनीतिक संकट और जनता के दबाव के बीच प्रधानमंत्री के इस्तीफे ने विरोध प्रदर्शनकारियों की मांग पूरी कर दी।
ओली के दुबई जाने की संभावना
राजनीतिक संकट के बीच अफवाहें हैं कि इस्तीफे के बाद केपी ओली जल्द ही देश छोड़कर दुबई जा सकते हैं। त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट को वीआईपी मूवमेंट के लिए हाई अलर्ट पर रखा गया है और मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार हिमालय एयरलाइंस को उनकी संभावित उड़ान के लिए स्टैंडबाय पर रखा गया है।
राजधानी और जनता की स्थिति
काठमांडू समेत अन्य जिलों में विरोध प्रदर्शन जारी हैं। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के निजी आवास, प्रमुख नेताओं के घरों और संपत्तियों पर भी हमला किया। इस हिंसा में कई लोग घायल हुए और जगह-जगह नुकसान हुआ। यह आंदोलन केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि युवाओं के भविष्य और लोकतांत्रिक अधिकारों की लड़ाई का प्रतीक बन चुका है। Gen Z के छात्रों और युवाओं की यह जुझारू पहल समाज के लिए संदेश देती है कि वे अपने हक और न्याय के लिए आवाज उठाने से पीछे नहीं हटेंगे।