“ईडी ने कब्जे में लिए दस्तावेज और डिजिटल सबूत, मनी लॉन्ड्रिंग के नए राज उजागर होने की संभावना”

अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में बदनाम गुप्ता बंधुओं पर अब भारत में शिकंजा कसना शुरू हो गया है। अतुल, अजय और राजेश गुप्ता के ठिकानों पर मंगलवार को ईडी (Enforcement Directorate) ने छापेमारी की, जो दक्षिण अफ्रीका के भ्रष्टाचार घोटाले से जुड़े हैं।

 ईडी की रेड और छापेमारी का दायरा

ईडी ने दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, देहरादून और सहारनपुर में गुप्ता बंधुओं के ठिकानों और कार्यालयों पर छापेमारी की। देर रात तक चली इस कार्रवाई में बड़ी मात्रा में दस्तावेज और डिजिटल सबूत कब्जे में लिए गए। इस कार्रवाई के बाद भारत में उनके कथित काले धन और मनी लॉन्ड्रिंग के नए राज खुलने की संभावना जताई जा रही है।

दक्षिण अफ्रीका का जुड़ा मामला

गुप्ता बंधुओं पर आरोप है कि उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा के साथ मिलकर सरकारी खजाने को लगभग 45 अरब रैंड (भारतीय मुद्रा में 200 अरब रुपये से अधिक) का चूना लगाया। इस घोटाले में उन्हें मास्टरमाइंड माना जाता है।

मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप

जांच में सामने आया है कि गुप्ता बंधु अहमदाबाद के कारोबारी राम रतन जगाती की दुबई स्थित शेल कंपनी J.J. Trading FZE का इस्तेमाल कर मनी लॉन्ड्रिंग करते थे। इस मामले में वर्ल्ड विंडो ग्रुप के संचालक पीयूष गोयल का नाम भी सामने आया है।

भारत और दक्षिण अफ्रीका की संयुक्त कार्रवाई

इस मामले में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच संयुक्त कार्रवाई की गई। इससे साफ है कि गुप्ता बंधुओं की मुश्किलें यहीं समाप्त नहीं होंगी। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में इस हाई-प्रोफाइल मनी लॉन्ड्रिंग केस में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।

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