लोहरदगा के विधायक और पूर्व मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव राजधानी रांची में बुद्ध पूर्णिमा के पावन अवसर पर श्रद्धा और उत्साह का अद्भुत संगम देखने को मिला। इस अवसर पर द्वारा एक भव्य बुद्ध जयंती समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालु सम्मिलित हुए। भगवान बुद्ध की स्मृति को समर्पित इस आयोजन में श्रद्धालुओं ने भक्ति, शांति और आत्मचिंतन के भावों के साथ भाग लिया।
बोधिवृक्ष के नीचे हुई पारंपरिक पूजा
कार्यक्रम की शुरुआत दार्जिलिंग से पधारे लामाओं द्वारा की गई। उन्होंने बोधिवृक्ष के नीचे स्थापित भगवान बुद्ध की प्रतिमा की विधिवत पूजा की। मंत्रोच्चार, पुष्पांजलि और 108 दीपों की आरती से माहौल पूरी तरह आध्यात्मिक ऊर्जा से भर उठा। इस आयोजन ने न सिर्फ भगवान बुद्ध के जीवन के प्रति श्रद्धा जताई, बल्कि उनके उपदेशों को जनमानस तक पहुंचाने का भी प्रयास किया।
भजन-कीर्तन में डूबे श्रद्धालु
जैप वन, डोरंडा से पहुंचे छोटानागपुर बौद्ध समिति के अध्यक्ष सुरेंद्र तमांग एवं जैप वन वाहिनी गुंबा समिति के प्रमुख पेमेन जिंबा के नेतृत्व में महिला अनुयायियों द्वारा प्रस्तुत भजन-कीर्तन ने श्रद्धालुओं को भक्ति की अनुभूति से भर दिया। संगीतमय प्रस्तुति के साथ समस्त वातावरण में शांति और समर्पण की भावनाएं व्याप्त हो गईं।
‘बुद्ध के उपदेश आज भी हैं अत्यंत प्रासंगिक’
विधायक डॉ. रामेश्वर उरांव ने बुद्ध पूर्णिमा की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भगवान बुद्ध के वचनों में आज के समय की जटिलताओं का समाधान निहित है। उन्होंने कहा कि अगर समाज उनके दिखाए पंचशील और आत्मशुद्धि के मार्ग पर चले, तो हिंसा, असहिष्णुता और अराजकता को समाप्त किया जा सकता है। डॉ. उरांव ने सम्राट अशोक के उदाहरण का उल्लेख करते हुए बताया कि कैसे बुद्ध के उपदेशों ने एक सम्राट को युद्ध से शांति की ओर प्रेरित किया।
इस आयोजन में रांची की राजनीतिक और सामाजिक दुनिया की कई जानी-मानी हस्तियां उपस्थित रहीं। मुख्य अतिथि के रूप में विधायक डॉ. रामेश्वर उरांव के साथ-साथ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष केशव महतो कमलेश, महासचिव आलोक कुमार दुबे, डॉ. राजेश गुप्ता, जयशंकर पाठक, सतीश पॉल मुंजिनी, कांग्रेस नेता संजय दुबे, विशाल सिंह, मेहुल दुबे, साथ ही डॉ. उरांव की पुत्री निशा उरांव और पुत्र रोहित उरांव भी मौजूद रहे।