देशभर में ‘वोट चोरी’ के मुद्दे को लेकर कांग्रेस पार्टी अब एक व्यापक अभियान शुरू करने जा रही है। इसी कड़ी में प्रदेश कांग्रेस ने भी तैयारी तेज कर दी है। पार्टी के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने हाल ही में प्रेस वार्ता में बताया कि कांग्रेस पार्टी 15 सितंबर से 15 अक्टूबर तक उत्तराखंड के सभी जिलों में हस्ताक्षर अभियान चलाएगी। इस अभियान का मकसद आम जनता को ‘वोट चोरी’ के मुद्दे के प्रति जागरूक करना और लोगों से समर्थन जुटाना है। अभियान के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करण महारा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और राज्य नेतृत्व टीम इस अभियान के तहत जुटाए गए सभी हस्ताक्षर राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सांसद राहुल गांधी को सौंपेंगे।
जॉर्ज एवरेस्ट मसले पर जांच की मांग
सूर्यकांत धस्माना ने प्रेस वार्ता में प्रदेश में हाल ही में सामने आए जॉर्ज एवरेस्ट घोटाले का जिक्र करते हुए कहा कि यह अब तक का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार मामला है। उनका आरोप है कि योगगुरु रामदेव के निकटतम सहयोगी आचार्य बालकृष्ण को जॉर्ज एवरेस्ट का प्रोजेक्ट केवल एक करोड़ रुपये में सौंपा गया, और वह भी गलत तरीके से टेंडरिंग प्रक्रिया अपनाकर। धस्माना ने उच्च न्यायालय के सिटिंग जज से इस पूरे मामले की जांच कराने की मांग की और कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। उनका कहना है कि जनता के हित में पारदर्शिता और जवाबदेही जरूरी है।
प्रदेश में ‘सर्जन अभियान’ की प्रगति
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने बताया कि पार्टी का संगठनात्मक अभियान सर्जन अभियान उत्तराखंड के आठ जिलों में सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। हालांकि चार जिलों में आपदा और अन्य कारणों से यह अभियान कुछ समय के लिए रुका हुआ था। धस्माना ने बताया कि अगले दो सप्ताह के भीतर यह अभियान भी पूरा कर लिया जाएगा। अभियान के पूरा होने के बाद सभी रिपोर्ट सेंट्रल नेतृत्व को भेजी जाएगी। धस्माना ने जनता से अपील करते हुए कहा कि यह अभियान केवल कांग्रेस का नहीं, बल्कि जनता की आवाज़ को केंद्र में लाने वाला प्रयास है। उन्होंने कहा कि जनता की भागीदारी और समर्थन ही भ्रष्टाचार और वोट चोरी जैसे मामलों के खिलाफ सबसे बड़ी ताकत है।उत्तराखंड में कांग्रेस का यह हस्ताक्षर अभियान न केवल ‘वोट चोरी’ के मुद्दे पर जागरूकता फैलाने का प्रयास है, बल्कि यह जनता और सरकार के बीच पारदर्शिता स्थापित करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। पार्टी की रणनीति यह है कि जनादेश और जनता की आवाज़ को राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाया जाए।
