उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय में एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित कर राज्य की कानून-व्यवस्था, सड़कें, सेवा पखवाड़ा और अन्य जनहित से जुड़े मुद्दों की समीक्षा की। बैठक में उपस्थित अधिकारियों को उन्होंने स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए कि जनता को सुगम, सुरक्षित और पारदर्शी व्यवस्था उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सभी संवेदनशील क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरों से नियमित निगरानी सुनिश्चित की जाएगी। इसके साथ ही, राज्य की सीमाओं पर सघन चेकिंग अभियान चलाया जाएगा और पुलिस द्वारा रात्रिकालीन गश्त को और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा।
मानसून के बाद सड़कों की स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री ने विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बरसात के बाद सड़कों को गड्ढा मुक्त कराना और सुधार कार्य तेजी से लागू करना सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिए आवश्यक निविदा प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है और जल्द ही सड़क सुधार का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन 17 सितंबर से गांधी जयंती 2 अक्टूबर तक पूरे प्रदेश में सेवा पखवाड़ा आयोजित करने की योजना की घोषणा की। इस दौरान सभी जिलों में सेवा, जनजागरूकता और जनहित से जुड़े कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रत्येक जिले के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाए और समयबद्ध रूप से लागू किया जाए। मुख्यमंत्री धामी स्वयं सड़क मार्ग से विभिन्न जिलों का भ्रमण कर व्यवस्थाओं का प्रत्यक्ष जायजा लेंगे।
बैठक में रेत मिश्रित नमक से संबंधित शिकायत को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने तुरंत नमूना लेकर जाँच कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जांच में दोषी पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। बैठक में प्रमुख सचिव, मुख्य सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव शैलेश बगोली, पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ, अपर पुलिस महानिदेशक ए.पी. अंशुमान, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते और अपर सचिव बंशीधर तिवारी मौजूद रहे। इस बैठक से यह स्पष्ट होता है कि मुख्यमंत्री धामी जनता की सुरक्षा और जनहित के मामलों में कोई समझौता नहीं करना चाहते। कानून-व्यवस्था, सड़क सुरक्षा और सेवा पखवाड़ा उनके एजेंडे के शीर्ष प्राथमिकता में शामिल हैं।