उत्तराखंड में इस मानसून सीजन में हुई अभूतपूर्व बारिश और आपदा ने राज्य को गंभीर नुकसान पहुंचाया है। भारी बारिश से जनजीवन बाधित हुआ है, सड़कों और पुलों को नुकसान पहुँचा है, और कई परिवारों की आजीविका प्रभावित हुई है। इस तबाही का वास्तविक आकलन करने और राज्य को आर्थिक सहायता सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार की अंतर मंत्रालयीय टीम सोमवार को उत्तराखंड दौरे पर आ रही है।
केंद्र सरकार का दौरा और निरीक्षण
सचिव, आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने जानकारी दी कि केंद्रीय टीम उत्तराखंड के आपदा प्रभावित जिलों का दौरा कर राज्य सरकार के साथ बैठक करेगी और वास्तविक क्षति का आकलन करेगी। यह टीम पोस्ट डिजास्टर नीड एसेसमेंट (PDNA) करेगी, जो केंद्र सरकार से मिलने वाली विशेष सहायता राशि तय करने में अहम भूमिका निभाएगा। केंद्रीय टीम के दौरे का नेतृत्व गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव आर. प्रसना करेंगे। टीम दो भागों में विभाजित होकर अलग-अलग जिलों का निरीक्षण करेगी। उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, पौड़ी, बागेश्वर और नैनीताल के प्रभावित जिलों का दौरा किया जाएगा।
भारी बारिश ने तोड़ा रिकॉर्ड
सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि इस साल अब तक राज्य में कुल 574 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो पिछले कई सालों की तुलना में सबसे अधिक है। अत्यधिक बारिश से न केवल आम जनजीवन प्रभावित हुआ बल्कि सड़कों, पुलों, भवनों और अन्य अवस्थापना संरचनाओं को भी व्यापक नुकसान पहुँचा है।
केंद्रीय टीम की भूमिका और उद्देश्य
केंद्रीय टीम प्रभावित जिलों का मिनट-टू-मिनट निरीक्षण करेगी, ताकि आपदा की गंभीरता और वास्तविक नुकसान का सही आंकलन किया जा सके। इस निरीक्षण के आधार पर भारत सरकार को 5702.15 करोड़ रुपये की विशेष सहायता देने का अनुरोध किया गया है।
- इसमें से 1944.15 करोड़ क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों के पुनर्निर्माण और पुनर्प्राप्ति पर खर्च किए जाएंगे।
- शेष 3758.00 करोड़ ऐसे मार्गों, आबादी वाले क्षेत्रों और अवस्थापना संरचनाओं को सुरक्षित करने पर खर्च होंगे जो आपदा के कारण क्षतिग्रस्त हुई हैं।
प्रभावित परिवारों की मदद
सचिव ने स्पष्ट किया कि कई परिवारों की आजीविका प्रभावित हुई है। ऐसे परिवारों और व्यक्तियों की सहायता के लिए केंद्र सरकार को अलग प्रस्ताव भेजा जाएगा। इससे प्रभावित लोग जल्द ही राहत और पुनर्निर्माण कार्यों का लाभ उठा सकेंगे। स्थानीय लोगों का कहना है कि बारिश और आपदा के कारण जीवन अस्थिर हो गया है। पौड़ी और चमोली के प्रभावित परिवारों ने बताया कि उनके घर क्षतिग्रस्त हुए हैं और कई परिवार अब अस्थायी आश्रय में हैं। एक स्थानीय महिला ने कहा – “हमारे घर टूट गए, फसलें बर्बाद हो गईं। अब हम उम्मीद करते हैं कि केंद्र सरकार की मदद से हम अपने जीवन को फिर से सँभाल सकेंगे।” विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के निरीक्षण और आर्थिक सहायता राज्य के पुनर्निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। केंद्रीय टीम की योजना यह सुनिश्चित करने की है कि राहत और पुनर्प्राप्ति कार्य तेजी और सही दिशा में हो।
