वनाग्नि से निपटने के लिए उच्च तकनीक बनी कारगर, ड्रोन से हो रही संवेदनशील स्थानों की निगरानी

स्वरूप पुरी/सुनील पाल

हर वर्ष वनों में लगने वाली आग राज्य के लिए एक बड़ा संकट बनती है। इस वर्ष वनाग्नि से राज्य के कई वन छेत्रो में हजारों हेक्टेयर भूमि जल कर खाक हो चुकी है। तो वन्ही इस बार कई ऐसी वनाग्नि की घटनाएं हुई जिनमे शरारती तत्वों की भूमिका रही। ऐसी घटनाओं को लेकर सरकार ने कड़ा रुख अपना कई लोगो के खिलाफ मुकदमे भी दर्ज किए है। वन महकमे ने भी ऐसे लोगो के खिलाफ कठोर कार्यवाही शुरू करने के साथ ही ,संवेदनशील छेत्रो में ड्रोन से निगरानी शुरू की है। 

राजाजी में ड्रोन तकनीक से निगरानी बनी कारगर

इस वर्ष की वनाग्नि राजाजी टाइगर रिजर्व के लिए भी संकट बनी है। बीते दिनों पार्क की गोहरी रेंज के लक्ष्मणझूला छेत्र में हुई वनाग्नि की घटना में भी असामाजिक तत्वों की भूमिका रही। वन्ही हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर छेत्र में भी यात्रियों के आवागमन व शरारती तत्वों के चलते छिटपुट वनाग्नि की घटनाएं हुई। शुक्र है कि अधिकारियों की लगातार मोनिटरिंग व अलर्ट वनकर्मियों के चलते वनाग्नि की बड़ी घटना नही घटी। वन्ही अब मनसा देवी छेत्र में भी ऐसी घटना न हो इसके लिए ड्रोन के माध्यम से निगरानी की जा रही है। वनकर्मियों की एक टीम हार रोज इस छेत्र में ड्रोन से नजर रख रही है। 

“राजाजी की गोहरी व हरिद्वार रेंज का मनसा देवी छेत्र बेहद ही संवेदनशील है, शरारती तत्वों के माध्यम से यहां पर वनाग्नि की घटना घटित किये जाने की आशंका बनी रहती है, साथ ही पहाड़ी छेत्र होने व भाभर घास के चलते कोई वनाग्नि घटना न हो इसके लिए ड्रोन से निगरानी की जा रही है।”

हरीश नेगी, वन्यजीव प्रतिपालक राजाजी टाइगर रिजर्व।

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