अस्थायी ट्रॉली से नदी पार करते समय किशोरी बहाई, ग्रामीणों में भय और चिंता

उत्तरकाशी जिले के मोरी तहसील के ग्राम भकंवाड में आज सुबह एक भयावह हादसा हुआ। 15 वर्षीय किशोरी सबीना, जो अपनी मौसी मेमना के साथ टोंस नदी पार कर रही थी, अस्थायी ट्रॉली के संतुलन बिगड़ने के कारण नदी में गिर गई और तेज बहाव में बह गई। घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस और SDRF की टीम मौके पर पहुँच गई और किशोरी की खोजबीन शुरू कर दी।

हादसे का विवरण
जानकारी के अनुसार, सबीना अपने घर से नदी पार कर रही थी। अस्थायी ट्रॉली, जो कि ग्रामीणों द्वारा नदी पार करने के लिए बनाई गई है, अचानक संतुलन खो बैठी। सबीना का पैर फिसल गया और देखते ही देखते वह तेज बहाव में बह गई। इस घटना ने इलाके में भय का माहौल पैदा कर दिया है। स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचित किया। मोरी थाना पुलिस और SDRF की टीम घटनास्थल पर पहुँचकर नदी के विभिन्न हिस्सों में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया। लेकिन नदी की गहराई और तेज बहाव ने रेस्क्यू ऑपरेशन को चुनौतीपूर्ण बना दिया है।

ग्रामीणों की स्थिति और सुरक्षा की मांग
भकंवाड गांव मुख्य सड़क (मोरी-हनोल मार्ग) से लगभग 14 किलोमीटर दूर स्थित है। यहां पहुंचने के लिए तीन किलोमीटर पैदल मार्ग तय करना पड़ता है। टोंस नदी को पार करने के लिए ग्रामीणों को सालों से अस्थायी ट्रॉली का सहारा लेना पड़ता है। इस कारण, यहाँ हर समय खतरा बना रहता है। ग्रामीण बताते हैं कि कई बार प्रशासन से स्थायी और सुरक्षित पुल बनाने की मांग की गई, लेकिन अब तक केवल आश्वासन ही मिला है। सबीना के बह जाने से पूरे गांव में मातम छा गया है। परिजन और ग्रामीण नदी किनारे खड़े होकर बचाव दल के प्रयासों पर नजर बनाए हुए हैं।

आशा और मानव दृष्टिकोण
इस हादसे ने न केवल सबीना के परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है, बल्कि पूरे इलाके में सुरक्षा की गंभीर कमी को उजागर किया है। ग्रामीण चाहते हैं कि प्रशासन जल्द से जल्द इस स्थान पर सुरक्षित पुल का निर्माण करे, ताकि भविष्य में इस तरह के दुखद हादसे न हों। स्थानीय लोग लगातार प्रार्थना कर रहे हैं कि सबीना को सुरक्षित ढूँढा जाए। बचाव दल भी हर संभव प्रयास कर रहा है, लेकिन तेज बहाव और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण खोज जारी है। उत्तरकाशी के इस हादसे ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुरक्षा संरचनाओं की गंभीर आवश्यकता है और प्रशासनिक त्वरित कार्रवाई की मांग को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

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