वक्फ संशोधन विधेयक पर जारी सियासी घमासान के बीच झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने बुधवार इस विधेयक की निंदा की। साथ ही उन्होंने इसे संविधान द्वारा मुसलमानों को दी गई धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करने का प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि यह विधेयक बेरोजगारी और महंगाई जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश है।
संशोधन को बताया देश विभाजित करने का प्रयास
पत्रकारों से बातचीत के दौरान कमलेश ने कहा कि हम संशोधन के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन इसके इरादे के खिलाफ हैं। यह संशोधन राज्य और देश के हित में होना चाहिए, लेकिन यह देश में विभाजन पैदा करने का प्रयास है।साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह विधेयक मुसलमानों के अधिकारों को कमजोर करता है और सरकार को वक्फ संपत्तियों पर नियंत्रण का अधिकार देता है।
साथ ही झारखंड भाजपा प्रमुख बाबूलाल मरांडी ने वक्फ संशोधन विधेयक का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि जो पार्टियां मुस्लिम समुदाय और महिलाओं के विकास के खिलाफ हैं, वही इस विधेयक का विरोध कर रही हैं। मरांडी ने कहा कि यह संशोधन मुस्लिम समुदाय के गरीबों और महिलाओं को अधिकार और विशेषाधिकार प्रदान करेगा।
उन्होंने कांग्रेस और इंडिया ब्लॉक पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये पार्टियां जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रही हैं। मरांडी ने यह भी दावा किया कि कई मुस्लिम और ईसाई संगठनों ने इस संशोधन विधेयक का समर्थन किया है।
जेडयू नेता सरयू रॉय ने भी किया समर्थन
जनता दल (यू) के विधायक सरयू रॉय ने भी इस विधेयक का समर्थन किया। रॉय ने कहा कि यह विधेयक देश में सद्भाव बढ़ाने और तुष्टीकरण की नीति को समाप्त करने के उद्देश्य से समय पर उठाया गया कदम है। उन्होंने केंद्र सरकार के इस कदम को सराहते हुए कहा कि संसद में विधेयक पेश करना एक सराहनीय कार्य है, और इसके पारित होने के बाद यह और अधिक लाभकारी होगा।