स्वरूप पुरी/सुनील पाल
रायवाला के गौहरीमाफी में राजाजी टाइगर रिजर्व के क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने के लिए पार्क प्रशासन की टीम जेसीबी लेकर मौके पर पहुंची। इस दौरान तारबाड़ सहित मवेशियों के लिए बनाए गए कच्चे निर्माण, भूषा स्टोर को जेसीबी की मदद से ध्वस्त कर दिया गया। शनिवार को राजाजी पार्क के वार्डन हरीश नेगी, सरिता भट्ट, महात्तीम यादव,रेंज अधिकरी महेश सेमवाल दो जेसीबी ओर वनकर्मियों की टीम के साथ गौहरीमाफी पहुंचे। जैसे ही यहां अतिक्रमण को हटाने की कार्यवाही शुरू हुई ग्रामीणों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। ग्रामीणों के विरोध ओर तेज बारिश के बीच वन कर्मियों की टीम पार्क क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने में लग रही। कहीं जेसीबी की मदद से तो कहीं वन कर्मियों ने अपने हाथो से अतिक्रमण हटाया।
अतिक्रमणकारियों व पार्क प्रसाशन के बीच हुई नोकझोक
अवैध अतिक्रमण हटाने के दौरान पार्क अधिकारियों ओर ग्रामीणों के बीच तीखी नोंक झोंक भी हुई। ग्रामीणों का कहना था कि उन्होंने यह तारबाड़ जंगली जानवरों से अपनी सुरक्षा के लिए की थी। उन्होंने पार्क प्रशासन पर आरोप लगाया कि यह कार्यवाही बिना किसी सूचना की की गई है। पार्क प्रशासन की इस कार्रवाई का विरोध करते हुए कुछ ग्रामीण जेसीबी के आगे खड़े हो गए जिनको वनकर्मियों द्वारा बल पूर्वक हटाया गया। पार्क प्रशासन का कहना था कि ग्रामीणों द्वारा पार्क की भूमि पर अतिक्रमण किया हुआ था मना करने के बाद भी लोग कब्जा किये जा रहे थे। लोगों ने यहां पक्के निर्माण तक कर दिए थे। यहां भूषा स्टोर, मवेशियों के लिए चारा कुंड, ओर कुछ पक्का निर्माण भी किया हुआ था। पार्क की भूमि से अतिक्रमण हटाने को लेकर ग्रामीणों ओर ग्राम प्रधान को कहा गया था ,लेकिन इस पर कोई सहमति नहीं बन पाई। ग्रामीणों का कहना था कि वन्य जीवो द्वारा उनकी फसलों का नुकसान किया जाता है और नुकसान की भरपाई को लेकर जब पार्क प्रशासन से गुहार लगाई जाती है तो अधिकारी ध्यान नही देते हैं। करीब 6 घंटे तक चली इस कार्रवाई में पार्क प्रशासन ने दो जेसीबी की मदद से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को पूरा किया। इस दौरान पुलिस बल भी मौके पर रहा। वहीं आज रविवार को भी यह अभियान जारी रहेगा।
“गौहरी माफी में वन विभाग की जमीन पर ग्रामीणों द्वारा तारबाड़ की गई थी इसके अलावा भूसा स्टोर मवेशियों को चराने के लिए कुंड और कुछ पक्के निर्माण भी किए हैं, फिलहाल टीम ने कच्चे निर्माण को जेसीबी की मदद से हटा दिया है और पक्के निर्माण को हटाने के लिए ग्रामीणों को समय दिया गया है, यदि समय पर उन्होंने खुद ही पक्के निर्माण नहीं हटाए तो नियम अनुसार बलपूर्वक कार्रवाई की जाएगी।”
महेश सेमवाल, मोतीचूर रेंज अधिकारी राजाजी।