देहरादून : डीजीपी अभिनव कुमार ने कहा कि आपराधिक घटनाओं में मुकदमा दर्ज कर खुलासा करने में लापरवाही बरतने वाले सीओ और एसओ नपेंगे। साथ ही अब वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की वार्षिक मूल्यांकन रिपोर्ट में प्रतिकूल प्रविष्टि दर्ज की जाएगी। उन्होंने चोरी, वाहन चोरी, चेन लूट, डकैती आदि की घटनाओं का 90 फीसदी खुलासा और चोरी की संपत्ति की बरामदगी 70 फीसदी से अधिक रखने के निर्देश दिए। डीजीपी बुधवार को पुलिस अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर रहे थे। उन्होंने अपराध एवं कानून व्यवस्था, महिलाओं और बाल अपराध, यातायात व्यवस्था, साइबर अपराध और ड्रग्स की रोकथाम के संबंध में पुलिस अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए।
ये दिए निर्देश
-तीन वर्षों की अवधि में वाहन चोरी के आरोप में जेल गए आरोपियों की लगातार निगरानी की जाए। वाहन चोरी के प्रभावित क्षेत्रों को चिह्नित किया जाए।
-हत्या, लूट, डकैती, वाहन चोरी आदि अपराधों की समीक्षा करते हुए बरामदगी और निरोधात्मक कार्रवाई करने के लिए एक्शन प्लान बनाया जाए।
-राजमार्ग पर जुलूस, धरना प्रदर्शन के दौरान आम जनता को यदि परेशानी होती है तो संबंधित के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए।
-अंतरजातीय व अंतरधार्मिक विवाद संबंधी प्रकरणों में समय से मुकदमा दर्ज करें। ध्यान इस बात का रखें कि कोई बेकसूर जेल न जाए।
-राज्य की विभिन्न परियोजनाओं में बाहर से आए दैनिक मजदूरों की पृष्ठभूमि की जानकारी अवश्य करें।
-इनामी बदमाशों की धरपकड़ को चलाए जा रहे अभियान की समीक्षा करें।
-साइबर अपराध से निपटने के लिए प्रशिक्षित निरीक्षकों की ड्यूटी लगाई जाए, ताकि विवेचना तेजी से हो।