हरिद्वार। इंस्टाग्राम में अपलोड किए गए एक कथित वीडियो को लेकर हरिद्वार उत्तराखंड के मूक बधिरजन आक्रोशित है। इंस्टाग्राम में अपलोड किए गए वीडियो में लोगो के मनोरंजन के लिए दिल्ली के 02 व्यक्तियों द्वारा इंटरप्रेटर बनकर साइन लैंग्वेज में आपत्तिजनक इशारे और अनुचित भाषा का इस्तेमाल किया गया। देवभूमि बधिर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संदीप अरोड़ा के नेतृत्व में रविवार को रानीपुर कोतवाली में एक दर्जन मूक बधिरजनो ने रानीपुर कोतवाली में तहरीर दी। तहरीर में वीडियो अपलोड करने वाले कथित 02 व्यक्तियों रोहन करिअप्पा और शायन भट्टाचार्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की। इसके साथ ही मेटा इंडिया की उपाध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक संध्या देवनाथन के खिलाफ भी शिकायत दी, जिनके द्वारा इंस्टाग्राम में अपने अधिकृत प्लेटफार्म में यह वीडियो अपलोड करने की इजाजत दी गई।
देश भर में देवभूमि बधिर एसोसिएशन उत्तराखंड सहित बधिर समुदाय के विभिन्न राष्ट्रीय और राज्यस्तरीय संगठनों द्वारा भारी विरोध और पुलिस में शिकायत के बाद कथित दोनो व्यक्तियों ने वीडियो को अपने इंस्टाग्राम से हटा दिया।
देवभूमि बधिर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संदीप अरोड़ा ने कहा कि यह कृत्य दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 की धारा 92(ए) और आईटी अधिनियम की धारा 66(ए) के तहत पुलिस को सख्त कार्रवाई करते हुए कंटेंट क्रिएटर्स और प्लेटफार्म मालिको के खिलाफ एफआईआर दर्ज करना चाहिए और इन्हें कानूनी परिणामों का सामना करना चाहिए। संदीप अरोड़ा ने यह भी कहा कि उन सभी का यह कृत्य असंवेदनशील है और माफी लायक नही है। वीडियो भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन करता है, जो प्रत्येक व्यक्ति को सम्मान के साथ जीवन जीने के अधिकार की गारंटी देता है। उन्होंने कहा कि हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने निपुण मल्होत्रा बनाम सोनू पिक्चर्स फिल्म इंडिया प्राइवेट लिमिटेड मामले में दिशा निर्देश जारी किए है, जिसमे कहा गया कि दिव्यांग लोगों का मजाक उड़ाने वाले चुटकुले और असंवेदनशील भाषा का इस्तेमाल विजुअल और वेब मीडिया पर क्रिएटर्स द्वारा नही किया जाना चाहिए। तहरीर देने वालो में देवभूमि बधिर एसोसिएशन के पदाधिकारी विवेक केशवानी, अतुल राठौर, सरदार मोंटू, विधांशु खुल्लर, अंकित टेगोवाल, राजकुमार, ओम बंसल, रोहित प्रजापति, अभय सिंह, अवनीश शर्मा आदि शामिल रहे।