मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने एक और वादे को पूरा करते हुए सेवामुक्त अग्निवीरों के लिए बड़ा ऐलान किया है। अब उत्तराखंड में विभिन्न विभागों के वर्दीधारी पदों पर भर्ती में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण पूर्व अग्निवीरों को मिलेगा। सरकार के इस कदम को प्रदेश में युवाओं के लिए एक मजबूत और सकारात्मक पहल माना जा रहा है।
जारी हुई नई नियमावली
कार्मिक एवं सतर्कता विभाग ने सोमवार को “सेवामुक्त अग्निवीरों को वर्दीधारी सेवाओं में क्षैतिज आरक्षण नियमावली 2025” (Horizontal Reservation Rules 2025) अधिसूचित कर दी है। इसके तहत समूह-ग की सीधी भर्ती में आने वाले वर्दीधारी पदों पर सेवामुक्त अग्निवीरों को विशेष आरक्षण दिया जाएगा।
किन पदों पर मिलेगा आरक्षण?
इस नियमावली के अंतर्गत कई महत्वपूर्ण पदों को शामिल किया गया है, जिनमें –
- पुलिस आरक्षी (नागरिक/पीएसी)
- उप निरीक्षक
- प्लाटून कमांडर (पीएसी)
- अग्निशामक और अग्निशमन द्वितीय अधिकारी
- बंदी रक्षक और उप कारापाल
- वन आरक्षी और वन दरोगा
- आबकारी सिपाही, प्रवर्तन सिपाही
- सचिवालय रक्षक
- इन पदों पर भर्ती में अब सेवामुक्त अग्निवीरों को प्राथमिकता मिलेगी।
“प्रदेश का गौरव हैं अग्निवीर” – मुख्यमंत्री धामी
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा –
“देश की सेवा कर लौटे पूर्व अग्निवीर प्रदेश का गौरव हैं। उन्हें सम्मान और रोजगार का अवसर देना सरकार की जिम्मेदारी है। हमारा प्रयास है कि उनका भविष्य सुरक्षित हो और वे समाज व प्रदेश के विकास में अपनी अहम भूमिका निभा सकें।”
सीएम धामी ने यह भी बताया कि पूर्व सैनिकों और अग्निवीरों के लिए राज्य सरकार लगातार नए अवसर और योजनाएं ला रही है ताकि उन्हें रोजगार और सम्मान दोनों मिल सकें।
क्यों खास है यह फैसला?
उत्तराखंड सैन्य परंपरा और बलिदान की भूमि रही है। यहां के हजारों युवा हर साल सेना और अन्य सुरक्षा बलों में भर्ती होकर देश की सेवा करते हैं। अग्निवीर योजना के बाद सेवामुक्त होने वाले सैनिकों के भविष्य को लेकर कई सवाल उठ रहे थे। धामी सरकार का यह कदम न केवल उन सवालों का समाधान करता है बल्कि युवाओं में भरोसा और आत्मविश्वास भी जगाता है।