गुरू शिष्य परंपरा को मानने वाला देश है भारत -स्वामी राजेंद्रानंद महाराज।


हरिद्वार। भीमगोड़ा स्थित श्री विश्नोई आश्रम में गुरू पूर्णिमा का पर्व आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी राजेंद्रानंद महाराज के सानिध्य में श्रद्धा के साथ मनाया गया। विभिन्न राज्यों से आए भक्तों ने गुरूपूजन कर स्वामी राजेंद्रानंद महाराज से आशीर्वाद लिया। श्रद्धालु भक्तों को आशीर्वचन प्रदान करते हुए स्वामी राजेंद्रानंद महाराज ने कहा कि जीवन में गुरू का स्थान सर्वोच्च है। भारत गुरू शिष्य परंपरा को मानने वाला देश है। बिना गुरू के ज्ञान और गति की प्राप्ति नहीं होती है। गुरू ही शिष्य का मार्गदर्शन कर कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं। इसलिए सभी को गुरू धारण करना चाहिए और गुरू के दिखाए मार्ग पर चलते हुए मानव कल्याण में योगदान करना चाहिए। शिवालिक नगर व्यापार मंडल के अध्यक्ष समाजसेवी धर्मेन्द्र विश्नोई ने कहा कि निष्ठा और विश्वास के साथ गुरू परंपराओं का पालन करने से जीवन में आने वाली सभी कठिनाईयां दूर हो जाती हैं। उन्होंने कहा कि धर्मनगरी संत महापुरूषों से ही जानी पहचानी जाती है। देश दुनिया में भारतीय संस्कृति की पताका को संत महापुरूषों द्वारा फहराया जा रहा है। गुरू ही शिष्य के जीवन में आ रहे अंधकार को दूर कर प्रकाश की ओर ले जाने का काम करते हैं।

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