मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि यदि प्रदेश के युवा विदेशों में नौकरी करते हैं, तो इससे न केवल उनके परिवारों को आर्थिक लाभ होगा, बल्कि हिमाचल की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। वर्तमान में केवल 0.2 प्रतिशत हिमाचली युवा विदेशों में कार्यरत हैं, जिससे प्रदेश को करीब 2300 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता मिलती है। उन्होंने कहा कि यदि यह संख्या बढ़ती है, तो प्रवासी आय के माध्यम से राज्य की अर्थव्यवस्था में और सुधार होगा।
शिमला में पत्रकारों से बातचीत के दौरान सीएम सुक्खू ने बताया कि प्रदेश सरकार युवाओं को विदेशों में सुरक्षित और स्थायी रोजगार उपलब्ध कराने के लिए गंभीरता से प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन को इसके लिए आवश्यक लाइसेंस प्राप्त हो गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से एक सूची प्राप्त हुई है, जिसमें विभिन्न देशों में उपलब्ध रोजगार के प्रकार और आवश्यक योग्यताओं का उल्लेख है। इसके आधार पर प्रदेश सरकार के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे संबंधित देशों के राजदूतों से संवाद करें ताकि युवाओं को बेहतर वेतन और सुरक्षा की गारंटी के साथ रोजगार मिल सके।
सीएम ने कहा कि विदेशों में भेजे जाने वाले युवाओं की सुरक्षा सर्वोपरि होगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उन्हें वहां उचित पे-पैकेज और सम्मानजनक कार्य माहौल मिले। अधिकारियों को इससे जुड़ी अन्य जानकारियाँ एकत्र करने के निर्देश भी दिए गए हैं। इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद हिमाचल से युवाओं को व्यवस्थित तरीके से विदेशों में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे।