नैनीताल: नगर निगम देहरादून में बीते एक दशक से होर्डिंग और यूनिपोल टेंडरों में अनियमितताओं और संभावित कार्टेल गठजोड़ को लेकर दायर जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। याचिका उत्तराखंड कांग्रेस के प्रवक्ता अभिनव थापर द्वारा दाखिल की गई थी, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार, नगर निगम देहरादून और जिलाधिकारी को तीन सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं।
300 करोड़ के नुकसान का आरोप
अभिनव थापर ने याचिका में दावा किया है कि 2013 से 2023 के बीच नगर निगम की टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ियां हुईं। आरोप है कि कुछ चुनिंदा कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से कार्टेल बनाकर टेंडर प्रक्रिया में हेरफेर की गई, जिससे निगम को अनुमानित 300 करोड़ रुपये तक का नुकसान हुआ।
थापर ने यह भी बताया कि 2019 में निगम द्वारा गठित एक सर्वे कमेटी ने 325 अवैध होर्डिंग्स की पहचान की थी, लेकिन आज तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि ये होर्डिंग किसके द्वारा लगाए गए थे और उनसे राजस्व की वसूली कैसे की गई।
शिकायत के बाद भी नहीं हुई जांच
थापर का कहना है कि उन्होंने 11 अगस्त 2023 को इस भ्रष्टाचार की शिकायत की थी, लेकिन अब तक कोई ठोस जांच शुरू नहीं की गई। याचिका में आरोप लगाया गया है कि पूर्व में भी हाईकोर्ट ने सरकार को समयबद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए थे, लेकिन रिपोर्ट दाखिल किए बिना ही जांच को बंद करवा दिया गया।
निष्पक्ष जांच और क्षतिपूर्ति की मांग
याचिका में भाजपा शासनकाल के दौरान हुए इस टेंडर घोटाले की निष्पक्ष जांच और निगम को हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई की मांग की गई है। हाईकोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 21 जुलाई को निर्धारित की है। याचिकाकर्ता थापर ने कोर्ट के इस निर्देश को “सत्य की जीत” बताया है।