यमुनोत्री धाम मार्ग पर भूस्खलन के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन दोबारा शुरू, दो शव बरामद, तीन अब भी लापता
उत्तरकाशी – यमुनोत्री धाम के पैदल मार्ग पर सोमवार को नौकैंची के समीप हुए भूस्खलन के बाद आज सुबह एक बार फिर खोज और बचाव अभियान शुरू कर दिया गया है। भारी मलबा और बोल्डर गिरने से कई यात्री इसकी चपेट में आ गए थे। सोमवार देर शाम तक मलबे से दो शव निकाले जा चुके हैं, जिनमें एक 12 वर्षीय बालिका भी शामिल है। एक घायल व्यक्ति को उपचार के लिए जानकीचट्टी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया है, जबकि तीन अन्य लोगों के अब भी मलबे में दबे होने की आशंका है।
रात करीब नौ बजे तेज बारिश के चलते रेस्क्यू ऑपरेशन को अस्थायी रूप से रोकना पड़ा था।
घटना का विवरण
जानकारी के अनुसार, जानकीचट्टी–यमुनोत्री पैदल मार्ग पर नौकैंची के पास अचानक भारी मात्रा में मलबा और बोल्डर गिर गया। इस दौरान मार्ग पर चल रहे चार से पांच यात्री खाई में जा गिरे। सूचना मिलते ही SDRF, NDRF और पुलिस की टीमें मौके पर पहुंचीं। मुंबई निवासी रसिक को मलबे से निकाल कर उपचार के लिए भेजा गया है।
मृतकों की पहचान:
- हरिशंकर पुत्र ओमप्रकाश, उम्र 47 वर्ष, उत्तर प्रदेश
- ख्याति पुत्री हरिशंकर, उम्र 9 वर्ष, उत्तर प्रदेश
- घायल:
- रसिकभाई पुत्र वस रामभाई, प्रतापनगर वेस्ट, मुंबई, महाराष्ट्र
- लापता:
- भाविका शर्मा पुत्री जॉय शर्मा, उम्र 11 वर्ष, दिल्ली
- कमलेश जेठवा पुत्र कांतिबाई, उम्र 35 वर्ष, महाराष्ट्र
यात्रा अस्थायी रूप से रोकी गई
सुरक्षा और रेस्क्यू अभियान में बाधा न हो, इस उद्देश्य से जानकीचट्टी से यमुनोत्री तक की पैदल यात्रा को अस्थायी रूप से रोका गया है। जानकीचट्टी चौकी प्रभारी गंभीर सिंह तोमर के अनुसार, जिलाधिकारी के मौके पर पहुंचने के बाद वैकल्पिक भंडेली गाड़ मार्ग को खोलने का निर्णय लिया जाएगा।
विधायक घटनास्थल के लिए रवाना
घटना की गंभीरता को देखते हुए यमुनोत्री विधायक संजय डोभाल भी घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं। भंडेली गाड़ वैकल्पिक मार्ग की लंबाई करीब ढाई किलोमीटर है, लेकिन यह भी जोखिम भरा माना जा रहा है।
26 जून तक भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग ने 22 से 26 जून तक देहरादून, नैनीताल, टिहरी और चंपावत में भारी बारिश की संभावना जताई है। इसे देखते हुए राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) ने संबंधित जिलों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारी और नोडल अफसरों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए गए हैं।
गंगोत्री हाईवे पर सात नालों से हर साल बरसात में संकट
गंगोत्री हाईवे पर सुक्की क्षेत्र में स्थित सात नालों में बरसात के दौरान जलस्तर बढ़ने और मलबा आने के कारण सड़क अक्सर अवरुद्ध हो जाती है। बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (BRO) द्वारा अब तक इन पर कोई स्थायी सुरक्षात्मक कार्य नहीं किया गया है।
स्थानीय निवासी संजय राणा, मनोज नेगी, भागवत पंवार आदि का कहना है कि यह मार्ग हर्षिल घाटी, गंगोत्री और भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाला एकमात्र रास्ता है। हर वर्ष बरसात में इन सात नालों के कारण स्थानीय ग्रामीणों, चारधाम यात्रियों और सुरक्षाबलों को भारी परेशानी झेलनी पड़ती है। कई बार स्थिति इतनी गंभीर हो जाती है कि दोपहिया और छोटे वाहन बहने का खतरा रहता है। लोगों ने प्रशासन और BRO से तत्काल सुरक्षात्मक उपाय किए जाने की मांग की है।