अमृतसर – पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए भारतीय सेना के जवान गुरप्रीत सिंह और उसके साथी साहिल मसीह को पिछले दो महीनों के दौरान दो लाख रुपये की रकम ऑनलाइन ट्रांसफर की गई थी। यह राशि गुरप्रीत ने अपने साथी साहिल के बैंक खाते में डलवाई थी।
जांच में यह भी सामने आया है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान गुरप्रीत ने आईएसआई को भारत के कई सैन्य ठिकानों से जुड़ी गोपनीय सूचनाएं भेजी थीं। सोमवार को दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें दो दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। उन्हें मंगलवार को फिर से अदालत में पेश किया जाएगा।
दिल्ली कैंट, मेरठ और जम्मू से भी लीक की सूचनाएं
एसएसपी मनिंदर सिंह ने बताया कि गुरप्रीत सिंह की पोस्टिंग जम्मू के अलावा दिल्ली कैंट और मेरठ कैंट में भी रह चुकी है। पुलिस को संदेह है कि वह लंबे समय से ISI एजेंट राणा जावेद के संपर्क में था और इन स्थानों सहित पंजाब के कुछ सैन्य ठिकानों की भी सूचनाएं उसने राणा के माध्यम से पाकिस्तान भेजी हैं।
गांव के नशा तस्कर ने कराया था संपर्क
गांव धालीवाल निवासी गुरप्रीत सिंह को ISI एजेंट से संपर्क में लाने वाला अर्जन नामक एक व्यक्ति है, जो गांव में नशा तस्करी के मामलों में संलिप्त रहा है और फिलहाल दुबई में रह रहा है। पुलिस का कहना है कि अर्जन के खिलाफ जल्द ही लुकआउट सर्कुलर (LOC) जारी किया जाएगा।
गौरतलब है कि गुरप्रीत का पिता गांव के गुरुद्वारा साहिब में सेवादार है, जिससे गांव में इस घटना को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। दोनों आरोपित इस समय फताहपुर जेल में बंद हैं।
जांच में जुटीं कई सुरक्षा एजेंसियां
इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए अन्य केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने भी अमृतसर में डेरा डाल लिया है। सोमवार शाम को दोनों आरोपियों से ज्वाइंट इंटरोगेशन सेंटर (JIC) में लंबी पूछताछ की गई। अधिकारियों का मानना है कि यह जासूसी मामला किसी अकेले व्यक्ति तक सीमित नहीं है, बल्कि एक संगठित नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है।
जांच एजेंसियां अब इस नेटवर्क की गहराई में जाकर यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि और कौन-कौन इसमें शामिल हो सकता है, और देश की सुरक्षा को इससे कितना खतरा हो सकता है।