उत्तराखंड सरकार ने 2027 के अर्द्धकुंभ मेले को “दिव्य और भव्य” बनाने की तैयारियों को गति दे दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य विभाग ने तीर्थयात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर ली है। इस योजना के तहत लगभग 54 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है, जिसमें स्थायी और अस्थायी दोनों प्रकार के स्वास्थ्य कार्य शामिल हैं।
प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में बेड की व्यवस्था
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि मेले में आने वाले प्रत्येक तीर्थयात्री को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 2924 बेड आरक्षित किए जाएंगे। इसमें 13 सरकारी अस्पतालों में 1101 बेड और विभिन्न प्राइवेट अस्पतालों में 1450 बेड की व्यवस्था की जाएगी। इसके अतिरिक्त मेले में 35 अस्थायी अस्पताल स्थापित किए जाएंगे, जिनमें 373 बेड होंगे।
एम्बुलेंस और आपातकालीन सेवाएं
स्वास्थ्य विभाग 40 एम्बुलेंस की व्यवस्था करेगा। इसमें से 16 एम्बुलेंस पहले से मौजूद हैं जबकि 24 नई एम्बुलेंस खरीदी जाएंगी। ये एम्बुलेंस एडवांस लाइफ सपोर्ट और बेसिक लाइफ सपोर्ट दोनों प्रकार की होंगी। एम्बुलेंस सेवा के साथ-साथ फूड सेफ्टी पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। तीन नई फूड सेफ्टी वैन खरीदने का प्रावधान किया गया है, जिनसे मेले में मिलने वाले खाने-पीने की वस्तुओं की गुणवत्ता नियमित रूप से जांची जाएगी।
स्थायी प्रकृति के कार्य
स्वास्थ्य विभाग मेले के दौरान स्थायी कार्य भी करेगा। रोशनाबाद में 120 लाख की लागत से सीएमओ ऑफिस के निकट ड्रग वायर हाउस का निर्माण किया जाएगा, जिसमें छह कमरे, दो हॉल और एक स्टोर शामिल होंगे। इसके अलावा विभाग चार वाहन खरीदेगा और शेष वाहन किराए पर लिए जाएंगे।
रोग नियंत्रण और फॉगिंग मशीनें
संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए मेले के क्षेत्र में पांच माउंटेबल फॉगिंग मशीनें और 35 पोर्टेबल फॉगिंग मशीनें स्थापित की जाएंगी। इन पर कुल 43 लाख रुपये की लागत आएगी। यह कदम बड़ी संख्या में आने वाले तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
मुख्यमंत्री का संदेश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 2027 का अर्द्धकुंभ मेले को भव्य और दिव्य स्वरूप में आयोजित किया जाएगा। उन्होंने विभागों को निर्देश दिए हैं कि सभी प्रकार की स्वास्थ्य और सुरक्षा व्यवस्थाएं समय से पूरी की जाएं, ताकि श्रद्धालुओं को सुविधा और सुरक्षा का भरोसा मिले। उत्तराखंड सरकार का यह प्रयास न केवल मेले को सफल बनाने की दिशा में है, बल्कि राज्य की स्वास्थ्य और सुरक्षा सेवाओं को भी मजबूत करने का एक अहम कदम है।