स्वरूप पुरी/सुनील पाल
हरिद्वार देहरादून सीमा पर स्थित हरिपुरकलां में इन दिनों वन्यजीव लगातार अपनी दस्तक दे रहे है। बीते दो दिनों से एक भीमकाय गजराज ने यंहा अपना आतंक मचा रखा है। शाम ढलते ही यह गजराज आबादी का रुख कर लेता है। बीते दो दिनों से यह लगातार प्रेमविहार चौक व आनंदउत्सव क्षेत्र में पँहुच रहा है। इसकी इस क्षेत्र में लगातार दस्तक से स्थानीय निवासियों में ख़ौफ़ बना हुआ है। एक दिन पूर्व यह रात आठ बजे ही प्रेमविहार चौक पर पँहुच गया। इसके आते ही बाजार में हड़कम्प मच गया। वन्ही आज सुबह भी यह आनंद उत्सव क्षेत्र में पँहुच गया था, जिसे स्थानीय वनकर्मियों ने बमुश्किल जंगल मे खदेड़ा।
गुलदार भी लगातार दे रहा दस्तक, सोलर फेंसिंग पर उठे सवाल
वन्ही इस छेत्र में गुलदार की चहलकदमी भी लगातार देखी जा रही है। बीते रोज मोतीचूर बस्ती में गुलदार ने एक पालतू कुत्ते को अपना निवाला बना दिया तो वन्ही प्रेमविहार कालोनी के पास इसने एक बछिया का भी शिकार किया। जिन स्थानों पर यह घटना हुई वँहा पिछले वर्ष राजाजी टाइगर रिजर्व द्वारा हरिद्वार-मोतीचूर रेंज की सीमा पर सोलर फेंसिंग भी लगाई गई थी। मगर फेंसिंग लगते ही ,इसे जगह जगह से काट दिया गया। यही नहीं ये फेंसिंग कई स्थानों पर कपड़े सुखाने के काम भी आ रही है। आखिर कौन इसकी जिम्मेदारी लेगा। अगर यह फेंसिंग चालू हालत में होती तो काफी हद तक हरिपुर के एक हिस्से में वन्यजीवों का संकट कम हो सकता था।
“हाथी व गुलदार का संकट लगातार बढ़ रहा है, हमारी टीम हर स्थिति पर नजर रख रही है, वन्ही इस दौरान स्थानीय लोगो का सहयोग भी मिल रहा है।”
बीडी तिवारी, वनक्षेत्राधिकारी, हरिद्वार।
“हरिपुर में मोतीचूर व हरिद्वार रेंज की सीमा पर सोलर फेंसिंग लगाई गई थी,मगर कई स्थानों पर इसे अवरुद्ध कर दिया गया, इस प्रकरण की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी, साथ ही इस क्षेत्र में वन्यजीवों की लगातार दस्तक को देखते हुए वन कर्मियों की कई टीमें तैनात की गई है।”
हरीश नेगी, वन्यजीव प्रतिपालक,राजाजी टाइगर रिजर्व।
“बीते वर्ष ईडीसी हरिपुर, ग्राम पंचायत के सुझाव पर मोतीचूर रेंज द्वारा सोलर फेंसिंग लगवाई गयी थी, मगर कुछ लोगो ने निजी स्वार्थ के चलते इसे जगह जगह से काट दिया, ऐसे लोगो के खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए,अगर यह सोलर फेंसिंग चालू हालत में होती तो हरिपुर का एक छेत्र वन्यजीवों के आतंक से मुक्त होता।
“धर्मेन्द्र ग्वाड़ी, अध्यक्ष, बीडीसी हरिपुर कलां।