उत्तराखंड में इस साल का दूसरा और आखिरी चंद्रग्रहण 7 सितंबर 2025 को भारत में दिखाई देगा। विद्वत सभा के पूर्व अध्यक्ष विजेंद्र प्रसाद ममगाईं ने बताया कि यह चंद्रग्रहण रविवार की रात 9:57 बजे शुरू होकर रात 1:26 बजे समाप्त होगा। इस अवधि में ग्रहण पूर्ण रूप से दिखाई देगा।
चंद्रग्रहण का वैज्ञानिक और धार्मिक महत्व
इस साल का पहला पूर्ण चंद्रग्रहण 13-14 मार्च को हुआ था। अब 7 सितंबर को होने वाला चंद्रग्रहण भारत में स्पष्ट रूप से देखा जा सकेगा। चंद्रग्रहण के साथ जुड़े धार्मिक नियम और परंपराओं के अनुसार, सूतक काल लागू होगा।
सूतक काल कब होगा:
ग्रहण से लगभग 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाएगा। इसका अर्थ है कि रविवार दोपहर 12:57 बजे से रात 1:26 बजे तक यह अवधि जारी रहेगी। धार्मिक मान्यताओं में सूतक काल के दौरान पूजा-पाठ, मंदिरों में देवमूर्तियों का स्पर्श और किसी भी प्रकार की धार्मिक क्रिया को वर्जित माना जाता है। इस दौरान अधिकांश मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे।
इस बार का ग्रहण विशेष क्यों है?
इस बार का चंद्रग्रहण इसलिए भी विशेष है क्योंकि यह पितृपक्ष की शुरुआत के दिन पड़ रहा है। 7 सितंबर से कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि के साथ पितृपक्ष (श्राद्ध) भी शुरू हो रहा है।
- पितृपक्ष का महत्व: यह कालखंड पूर्वजों को श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान और दान के लिए समर्पित होता है।
- संस्कृतिक और धार्मिक मेल: जहां चंद्रग्रहण खगोलीय परिवर्तन का प्रतीक है, वहीं पितृपक्ष हमारे सांस्कृतिक जीवन में पूर्वजों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता प्रकट करने का अवसर प्रदान करता है।
मानव दृष्टिकोण
स्थानीय लोग और धर्माचार्य इस समय को बड़े श्रद्धा और सतर्कता के साथ मनाने की तैयारी कर रहे हैं। एक धर्मगुरु ने बताया – “चंद्रग्रहण और पितृपक्ष का यह संगम बेहद दुर्लभ है। इस समय पूजा, तर्पण और दान करने से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और पूर्वजों को तर्पण का फल मिलता है।”
एक स्थानीय महिला ने कहा –“हम हर साल पितृपक्ष के दौरान श्राद्ध करते हैं, लेकिन इस बार ग्रहण के साथ आने से इसका महत्व और भी बढ़ गया है। सभी पारिवारिक सदस्य सावधानी और श्रद्धा से यह व्रत निभाएंगे।”
विशेषज्ञों की सलाह
खगोलशास्त्रियों के अनुसार, इस चंद्रग्रहण को सुरक्षित स्थान से अवलोकन किया जा सकता है। उन्होंने आम लोगों को सलाह दी कि बच्चे और बुजुर्ग सुरक्षित दूरी से ग्रहण का अवलोकन करें और किसी प्रकार की अनावश्यक जोखिमपूर्ण गतिविधि न करें।