तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब और श्री अकाल तख्त साहिब के बीच हुकुमनामा को लेकर जारी विवाद और गहरा गया है। इसी क्रम में शनिवार को जत्थेदार ज्ञानी बलदेव सिंह की अध्यक्षता में पंच प्यारों की बैठक आयोजित की गई, जिसमें शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख एवं पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को पंथक मर्यादा के अनुसार ‘तनखइया’ घोषित कर दिया गया।
कई बार मिला था उपस्थित होने का अवसर
तख्त पटना साहिब द्वारा पहले सुखबीर सिंह बादल को 24 घंटे, फिर 10 दिन और अंत में 20 दिनों का समय देकर पंच प्यारों के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने का अवसर दिया गया था। लेकिन निर्धारित अवधि में वह उपस्थित नहीं हुए, जिसके बाद शनिवार को पंच प्यारों ने उन्हें ‘तनखइया’ घोषित करने का निर्णय लिया।
पंच प्यारों की बैठक में शामिल रहे प्रमुख ग्रंथी
इस महत्वपूर्ण बैठक में जत्थेदार ज्ञानी बलदेव सिंह के साथ अतिरिक्त मुख्य ग्रंथी ज्ञानी दिलीप सिंह, भाई गुरुदयाल सिंह, वरिष्ठ मीत ग्रंथी ज्ञानी परशुराम सिंह और मीत ग्रंथी भाई अमरजीत सिंह भी उपस्थित रहे।
क्या है मामला?
यह विवाद उस समय शुरू हुआ जब श्री अकाल तख्त साहिब ने तख्त पटना साहिब के पूर्व बर्खास्त जत्थेदार रणजीत सिंह के पक्ष में निर्णय सुनाया। इसके विरोध में तख्त पटना साहिब की ओर से सुखबीर सिंह बादल को साजिशकर्ता मानते हुए 10 दिन के भीतर पंच प्यारों के समक्ष हाजिर होने का आदेश जारी किया गया था।
पहले भी जारी हो चुके हैं तनखइया आदेश
इससे पूर्व 21 मई को पटना साहिब के पंच प्यारों द्वारा आपात बैठक कर श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़राज और तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी बाबा टेक सिंह को, तख्त पटना साहिब द्वारा जारी तीन हुकुमनामों का उल्लंघन करने के चलते ‘तनखइया’ घोषित किया गया था।