चमोली: पहाड़ी जिलों में हो रही मूसलधार बारिश से जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। चमोली जिले में उमट्टा के पास बदरीनाथ हाईवे पर भारी मलबा आने से यातायात पूरी तरह से ठप हो गया है। साथ ही ज्योतिर्मठ क्षेत्र में 66 केवी विद्युत लाइन में फॉल्ट आने के कारण सोमवार रात से बिजली आपूर्ति बाधित है।
विद्यालयों में अवकाश घोषित
मौसम विभाग द्वारा भारी बारिश और भूस्खलन की चेतावनी को देखते हुए मुख्य शिक्षा अधिकारी के निर्देश पर चमोली जिले के सभी सरकारी और अर्द्धसरकारी विद्यालयों में मंगलवार को अवकाश घोषित किया गया है।
केदारनाथ यात्रा रोकी गई, बदरीनाथ हाईवे कई स्थानों पर अवरुद्ध
जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि विद्युत विभाग की टीमें फॉल्ट को ढूंढने में जुटी हैं। मंगलवार सुबह नंदप्रयाग के पर्थाडीप में मलबा आने से बदरीनाथ हाईवे करीब एक घंटे तक अवरुद्ध रहा, जिसे अब खोल दिया गया है। वहीं, उमट्टा में मलबा हटाने का कार्य जारी है। भारी बारिश के चलते केदारनाथ यात्रा भी रोक दी गई है। यात्रियों को सोनप्रयाग और गौरीकुंड में रोका गया है।
प्रदेश में दो नेशनल हाईवे सहित 50 सड़कें बंद, चारधाम यात्रा पर असर
बारिश के बाद प्रदेशभर में दो राष्ट्रीय राजमार्गों सहित करीब 50 सड़कों पर मलबा आने से यातायात ठप है। इससे स्थानीय निवासियों के साथ-साथ चारधाम यात्रा पर निकले तीर्थयात्रियों को भी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार:
देहरादून जिले में लखवाड़ बैंड के पास मलबा आने से विकासनगर-कालसी-बड़कोट राष्ट्रीय राजमार्ग बंद है।
उत्तरकाशी जिले में ऋषिकेश-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग औजरी के पास बंद है। साथ ही जिले की एक अन्य राज्य मार्ग और 11 ग्रामीण सड़कें भी बाधित हैं।
चमोली जिले में 13 ग्रामीण मार्ग बंद हैं।
पिथौरागढ़ में 7, बागेश्वर में 4, पौड़ी में 3, और टिहरी में 2 ग्रामीण सड़कें अवरुद्ध हैं।
नैनीताल जिले में काठगोदाम-हैड़ाखान राज्य मार्ग भी बंद है।
आपदा से राज्य में अब तक 143 भवनों को नुकसान, 21 की मौत
राज्य में एक जून से अब तक बारिश और भूस्खलन जनित आपदाओं से 143 भवनों को क्षति पहुंची है। इनमें से:
133 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं।
8 मकानों को गंभीर क्षति हुई है।
2 मकान पूरी तरह ढह चुके हैं।
इसके अलावा अब तक 21 लोगों की जान जा चुकी है, 11 घायल हुए हैं और 9 लोग अब भी लापता हैं।