बारिश और भूस्खलन से हिमाचल में जनजीवन अस्त-व्यस्त: 302 सड़कें बंद, रेड अलर्ट जारी

शिमला – हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। राज्य के कई हिस्सों में भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ के चलते सड़कों, बिजली और जल आपूर्ति जैसी आवश्यक सेवाएं बाधित हो गई हैं। गुरुवार सुबह 10 बजे तक प्रदेश में एक नेशनल हाईवे सहित कुल 302 सड़कें बंद रहीं, जबकि 436 बिजली ट्रांसफार्मर और 254 पेयजल योजनाएं प्रभावित पाई गईं।

मंडी और चंबा सबसे ज्यादा प्रभावित

आपदाग्रस्त मंडी ज़िले में सबसे अधिक 193 सड़कें बंद हैं। कुल्लू ज़िले में 134 और चंबा में 142 ट्रांसफार्मर बंद होने से बिजली आपूर्ति ठप है। वहीं, कांगड़ा जिले के धर्मशाला और नूरपुर उपमंडलों में 134 जल आपूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं, जिससे स्थानीय लोगों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है।

बारिश का दौर रहेगा जारी, येलो अलर्ट जारी

मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार राज्य के कई हिस्सों में आगामी 6 अगस्त तक बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। इस दौरान कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है और येलो अलर्ट भी जारी किया गया है। शिमला में गुरुवार को भी आसमान में बादल छाए रहे और रुक-रुक कर बारिश होती रही।

बीती रात विभिन्न स्थानों पर दर्ज वर्षा आंकड़ों के अनुसार धर्मशाला में 54.4 मिमी, मुरारी देवी में 52.4 मिमी, कोठी में 49.1 मिमी, गोहर में 40.0 मिमी और सुंदरनगर में 30.7 मिमी बारिश हुई।

भूस्खलन और तबाही की मार

  • मकान जमींदोज: चंबा ज़िले के सलूणी उपमंडल के टिक्कर गांव में भारी बारिश के चलते शिवो देवी का नव-निर्मित घर भूस्खलन में पूरी तरह नष्ट हो गया। यह मकान सरकार की सहायता से बनाया गया था और परिवार बेहद गरीब बताया जा रहा है।
  • मानसून में अब तक भारी नुकसान: 20 जून से 30 जुलाई तक के मानसून सीजन में हिमाचल में अब तक 170 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 278 लोग घायल और 36 लापता हैं।
    • सड़क हादसों में 76 मौतें हुईं।
    • कुल 1,687 मकान व दुकानें, 1,226 गोशालाएं क्षतिग्रस्त हुईं।
    • 1,404 मवेशियों की मृत्यु और
    • कुल नुकसान का आकलन 1,59,981.42 लाख रुपये तक पहुंच चुका है।

संकट में हिम्मत की मिसालें भी

  • सड़क बंद, बाइक कंधे पर: चंबा ज़िले के चुराह उपमंडल में नकरोड़-चांजू सड़क भूस्खलन के कारण बाधित हो गई। यहां एक युवक ने अपनी बाइक को कंधे पर उठाकर चट्टानों के बीच से पार कर रास्ता तय किया और आगे रवाना हो गया।
  • उफनते नाले में हाथ पकड़कर पार: कुल्लू ज़िले के बंजार क्षेत्र में बारिश के बाद उफनते नाले को पार करती महिलाओं का वीडियो सामने आया है, जिसमें महिलाएं एक-दूसरे का हाथ थामे जान जोखिम में डालकर दूध लेकर नाले को पार कर रही हैं।

 

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