राजधानी देहरादून में मूसलधार बारिश का कहर लगातार जारी है। नदी-नाले उफान पर हैं और शहर के कई हिस्सों में जलभराव ने आम जनजीवन को प्रभावित कर दिया है। इसी बीच, आईटी पार्क स्थित ग्राम्य विकास विभाग का कार्यालय भी इस प्राकृतिक आपदा की चपेट में आ गया है। सूत्रों के अनुसार, विभाग का दफ्तर लगभग 10 फीट पानी में डूब गया है। पूरे परिसर में बाढ़ जैसे हालात हैं और कर्मचारियों के लिए अंदर जाना फिलहाल असंभव है। महत्वपूर्ण दस्तावेज़, फाइलें और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण गंभीर नुकसान के जोखिम में हैं। तेज बहाव के चलते कार्यालय परिसर पूरी तरह जलमग्न हो गया है, जिससे सरकारी कामकाज पूरी तरह ठप हो गया है।
सरकारी सिस्टम की पोल खुली
इस घटना ने राज्य के आपदा प्रबंधन और जल निकासी व्यवस्थाओं पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। आईटी पार्क जैसे महत्वपूर्ण सरकारी क्षेत्र में कार्यालय जलमग्न होना न केवल सिस्टम की कमजोरी को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि आपात परिस्थितियों के लिए विभागीय तैयारी कितनी अपर्याप्त है। एक वरिष्ठ सूत्र ने बताया, “दफ्तर के अंदर बहुमूल्य फाइलें और रिकॉर्ड्स पानी में डूबने से बर्बाद हो सकते हैं। प्रशासन को जल निकासी और नुकसान के आकलन में तुरंत कदम उठाने होंगे।”
नुकसान का आकलन और राहत कार्य
स्थानीय प्रशासन ने तुरंत स्थिति का आकलन शुरू कर दिया है। SDRF (State Disaster Response Force) की टीम मौके पर मौजूद है और संभावित दुर्घटनाओं से बचने के लिए कार्यरत है। कर्मचारियों को फिलहाल कार्यालय आने से रोका गया है और सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि जलभराव को जल्द से जल्द नियंत्रित करने और कार्यालय को सुरक्षित बनाने के लिए योजना बनाई जा रही है। इसके साथ ही, प्रभावित दस्तावेज़ों और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित करने की कोशिश की जा रही है।
आम लोगों और सरकारी कर्मचारियों की चिंता
वहीं, आईटी पार्क के आसपास के लोग और विभागीय कर्मचारी जलभराव की स्थिति को लेकर चिंतित हैं। कई लोगों ने प्रशासन से तत्काल राहत और बचाव उपाय करने की मांग की है। इस घटना ने यह भी याद दिलाया है कि प्राकृतिक आपदाओं के समय सरकारी संस्थाओं की तैयारी और त्वरित कार्रवाई कितना महत्वपूर्ण है। देहरादून जैसे शहर में जहां बारिश के कारण अक्सर जलभराव होता है, वहां आपदा प्रबंधन तंत्र की मजबूती अब और जरूरी हो गई है। ग्राम्य विकास विभाग का आईटी पार्क दफ्तर जलमग्न होना केवल एक कार्यालयीय समस्या नहीं है, बल्कि यह राज्य की आपदा प्रबंधन और तैयारी पर भी बड़ा सवाल है। प्रशासन की तत्परता और राहत कार्य अब इस आपदा से निपटने में अहम भूमिका निभाएंगे।