राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उत्तराखंड के दो शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2025 प्रदान किया

उत्तराखंड के शिक्षा क्षेत्र में आज गौरवपूर्ण पल आया, जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने दिल्ली में आयोजित विशेष समारोह में राज्य के दो शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया। शिक्षक दिवस के अवसर पर यह प्रतिष्ठित पुरस्कार उन्हें शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में उनके असाधारण योगदान के लिए प्रदान किया गया। पुरस्कार के तहत सम्मान-पत्र, मेडल और 50,000 रुपये की नकद राशि दी जाती है।

राष्ट्रपति का संदेश:
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने समारोह में कहा, “हमारी प्राचीन परंपरा ‘आचार्य देवो भव’ शिक्षक को सर्वोच्च स्थान देती है। शिक्षा भोजन, वस्त्र और आवास की तरह ही व्यक्ति की गरिमा और सुरक्षा के लिए अनिवार्य है। शिक्षक का असली पुरस्कार यही है कि उनके विद्यार्थी जीवनभर उन्हें याद रखें और समाज तथा राष्ट्र के लिए योगदान दें।”

सम्मानित शिक्षक:
उत्तराखंड से सम्मानित शिक्षकों में शामिल हैं:

  1. डॉ. मंजूबाला – चंपावत जिले के प्राथमिक विद्यालय च्यूरानी की प्रधानाध्यापिका। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और समर्पण के लिए यह पुरस्कार पाया। डॉ. मंजूबाला 2005 से शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत हैं और बच्चों को हिंदी, अंग्रेजी और कुमाऊँनी में पढ़ाती हैं। उनकी त्रिभाषा पद्धति बच्चों के लिए शिक्षा को सरल और रोचक बनाती है। वे शाम की कक्षाएँ (इवनिंग क्लासेस) भी संचालित करती हैं और स्काउट एवं गाइड गतिविधियों में सक्रिय योगदान देती हैं।
  2. मनीष ममगाईं – देहरादून स्थित राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थान (NSTI) के ट्रेनिंग ऑफिसर। उन्हें शिक्षा और कौशल विकास में नवाचारपूर्ण योगदान के लिए सम्मानित किया गया। मनीष ममगाईं ने युवाओं को रोजगारपरक कौशल से जोड़ने और नई पीढ़ी को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण कार्य किया है।

डॉ. मंजूबाला और मनीष ममगाईं दोनों शिक्षकों ने न केवल शिक्षण के स्तर को ऊंचा किया है बल्कि समाज में शिक्षा के महत्व को भी उजागर किया है। उन्होंने विद्यार्थियों को न केवल अकादमिक ज्ञान दिया, बल्कि जीवन के मूल्यों और सामाजिक जिम्मेदारियों की भी सीख दी। उनका समर्पण यह दर्शाता है कि शिक्षा केवल डिग्री प्राप्त करने का माध्यम नहीं, बल्कि जीवन को दिशा देने और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का जरिया है। उत्तराखंड की इस गौरवपूर्ण उपलब्धि ने पूरे राज्य के शिक्षकों और विद्यार्थियों में उत्साह और प्रेरणा की लहर दौड़ा दी है।

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