उत्तराखंड का शिक्षा विभाग एक बार फिर विवादों में घिर गया है। प्रधानमंत्री पोषण योजना (Pradhan Mantri Poshan Yojana) के तहत करोड़ों रुपए के अनियमित खर्च का मामला सामने आया है। शुरुआती जांच में खुलासा हुआ कि साल 2023-24 से 2025-26 के बीच लगभग 3.18 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है।
एक उपनल कर्मचारी दोषी
जांच में पाया गया कि एक उपनल कर्मचारी सीधे तौर पर दोषी है। आरोप है कि इस कर्मचारी ने योजना के तहत जारी राशि को अपने अथवा अन्य खातों में गलत तरीके से ट्रांसफर कराया।
छह जिला शिक्षा अधिकारी और वित्त अधिकारियों पर भी शक
जांच रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ कि केवल कर्मचारी ही दोषी नहीं है। छह जिला शिक्षा अधिकारी, वित्त और लेखाधिकारी जैसे अधिकारी भी शक के घेरे में हैं। आरोप है कि उनकी लापरवाही और अनियमित निगरानी के कारण पैसा बिना जांच के ऑनलाइन तरीके से अलग-अलग खातों में ट्रांसफर होता रहा।
शिक्षा मंत्री ने SIT को सौंपी जांच
गढ़वाल मंडल की अपर शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में बनी जांच समिति ने शासन को अपनी रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट में कहा गया कि मामले की तह तक जाने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई के लिए उच्चस्तरीय जांच की आवश्यकता है। इसके बाद शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने इस केस की जांच SIT (Special Investigation Team) को सौंपने की मंजूरी दे दी। इस खुलासे के बाद आम लोगों में गहरी चिंता देखने को मिल रही है। अभिभावक और समाज के लोग पूछ रहे हैं कि बच्चों के पोषण और शिक्षा के लिए जारी राशि का ऐसा दुरुपयोग कैसे हो गया। शिक्षकों और अधिकारियों की जवाबदेही पर सवाल उठ रहे हैं। स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि दोषियों को जल्द से जल्द सजा दी जाए और भविष्य में ऐसी अनियमितताओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं।