भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि पड़ोसी मुल्क को युद्ध के मैदान और कूटनीतिक मोर्चे दोनों पर झटके लगे हैं। उसे बार-बार हार का सामना करना पड़ा है। न केवल अपने सैन्य टकरावों में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने के अपने प्रयासों में भी पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी है। निशिकांत दुबे वरिष्ठ पार्टी नेता बैजयंत पांडा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे।
ऑपरेशन सिंदूर के बारे में भी बात की
दुबे ने ऑपरेशन सिंदूर के बारे में भी बात की और कहा, ‘ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने के बाद पीएम मोदी ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में आतंकवादियों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई के लिए सशस्त्र बलों को खुली छूट दे दी। हमारे पास भारत में ब्रह्मोस और आकाश मिसाइल जैसे ‘मेड इन इंडिया’ हथियार थे। हमने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। हमने देखा कि कैसे पाकिस्तानी सेना ने आतंकवादियों के नमाज-ए-जनाजे में भाग लिया। यह दर्शाता है कि उनकी सेना और आतंकवादी एक ही हैं। हमने स्पष्ट किया कि व्यापार और खून एक साथ नहीं चल सकते।’
‘हम रणनीतिक रूप से भी बहुत मजबूत’
निशिकांत दुबे ने कहा, ‘भारत युद्ध नहीं चाहता। भारत भगवान बुद्ध और महात्मा गांधी का देश है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम कमजोर हैं। हमने दुनिया को दिखा दिया है कि हम आज न केवल चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं, बल्कि हम रणनीतिक रूप से भी बहुत मजबूत हैं।’ दुबे ने कहा, ‘अगर पाकिस्तान अब नहीं मानता है तो किसी से बातचीत नहीं होगी, सीधा हमला होगा। आतंकवाद के मुद्दे पर सभी देश एकजुट हैं।’
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में कौन-कौन था?
भाजपा सांसद बैजयंत पांडा के नेतृत्व में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने अपनी चार देशों की यात्रा पूरी की और 2 जून को भारत लौट आया। पांडा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे, फागनोन कोन्याक और रेखा शर्मा, एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी, सतनाम सिंह संधू और गुलाम नबी आजाद और पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल ने अपनी यात्रा के दौरान सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन और अल्जीरिया के नेताओं के साथ बातचीत करते हुए 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की व्यापक लड़ाई ऑपरेशन सिंदूर पर अंतरराष्ट्रीय भागीदारों को जानकारी दी।