स्थापना के महज चार वर्षों में महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय ने शिक्षा जगत में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल कर नई मिसाल कायम की है। पारंपरिक और आधुनिक पाठ्यक्रमों के संतुलित संचालन से इस संस्थान ने अन्य शिक्षण संस्थानों के लिए प्रेरणास्रोत का कार्य किया है।
तीन भवनों का लोकार्पण, गर्ल्स हॉस्टल का शिलान्यास
मंगलवार को विश्वविद्यालय परिसर में तीन नए भवन—प्रेक्षागृह, पंचकर्म चिकित्सा केंद्र और एक अकादमिक भवन—का लोकार्पण किया गया। साथ ही छात्राओं के लिए एक नए गर्ल्स हॉस्टल की नींव भी रखी गई। इस ऐतिहासिक अवसर पर महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने स्वयं लोकार्पण और शिलान्यास किया, जिससे विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा में और वृद्धि हुई।
राष्ट्रपति का दौरा बना ऐतिहासिक पल
राष्ट्रपति मुर्मु के आगमन के साथ ही परिसर एक बार फिर उसी गरिमा से सजा, जैसा 28 अगस्त 2021 को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के लोकार्पण समारोह के दौरान हुआ था। इस विशेष आयोजन में जब महामहिम मंच पर पहुंचीं, तो उपस्थित गणमान्य जनों और विद्यार्थियों ने खड़े होकर तालियों की गड़गड़ाहट से उनका स्वागत किया।
राष्ट्रपति ने विश्वविद्यालय की प्रगति पर जताया गर्व
राष्ट्रपति मुर्मु ने अपने संबोधन में विश्वविद्यालय की तीव्र प्रगति की सराहना करते हुए इसे “अद्वितीय और प्रेरणादायक” बताया। उन्होंने गर्ल्स हॉस्टल के शिलान्यास को “नारी सशक्तीकरण की दिशा में अहम कदम” बताया और कहा कि इस तरह की पहलें शिक्षा को अधिक समावेशी बनाती हैं।
राज्यपाल और मंत्रीगणों ने दी सराहना
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भी अपने वक्तव्य में विश्वविद्यालय को देश के अन्य शिक्षण संस्थानों के लिए एक आदर्श उदाहरण बताया। उन्होंने इसकी विशेषता बताते हुए कहा कि यह संस्थान आधुनिक चिकित्सा शिक्षा के साथ पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को भी महत्व दे रहा है।
इस भव्य समारोह में प्रदेश सरकार के मंत्री सूर्य प्रताप शाही, स्वतंत्रदेव सिंह, संजय निषाद, सांसद रवि किशन, गैलेंट फाउंडेशन के अध्यक्ष चंद्रप्रकाश अग्रवाल सहित अनेक जनप्रतिनिधि और शहर के प्रतिष्ठित नागरिक मौजूद रहे।
छात्राओं ने जताई खुशी और गर्व
छात्रा अक्षरा त्रिपाठी ने कहा, “गर्ल्स हॉस्टल का निर्माण शुरू होना हमारे लिए बेहद उत्साहजनक है, और यह गर्व की बात है कि इसकी नींव देश की महिला राष्ट्रपति के हाथों रखी गई।”
वहीं, छात्रा नाज फातिमा ने कहा, “पंचकर्म चिकित्सा केंद्र की शुरुआत बहुत उपयोगी साबित होगी। अब आसपास के लोगों को प्राकृतिक चिकित्सा के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा।”