इटावा (उत्तर प्रदेश) – जिले के बकेवर थाना क्षेत्र के ग्राम दादरपुर में आयोजित भागवत कथा विवादों में घिर गई है। आरोप है कि कथावाचक मुकुट मणि यादव और उनके सहयोगियों को जातिगत पहचान छुपाकर कथा कहने के आरोप में ग्रामीणों ने न सिर्फ मारपीट कर अपमानित किया, बल्कि जबरन बाल मुंडवा दिए और सार्वजनिक रूप से माफी मंगवाई गई।
घटना 21 जून की रात की बताई जा रही है। सोमवार को इसका वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें कथावाचक से नाक रगड़वाकर माफी मंगवाने और बाल काटने की घटनाएं कैद हैं।
जातिगत आधार पर हुआ विरोध, कथावाचक बोले – किया गया अपमान
कथावाचक मुकुट मणि यादव निवासी जवाहरपुरा (थाना सिविल लाइंस) ने बताया कि वह अपने सहयोगी संत सिंह यादव (निवासी गुड़ा शेरपुर, थाना मूसानगर, कानपुर देहात) के साथ गांव में कथा कहने गए थे। आयोजन ग्रामवासी पप्पू बाबा की पहल पर किया गया था। कथावाचक का आरोप है कि कथा शुरू होने के बाद ग्रामीणों को उनके यादव होने की जानकारी हुई, जिसके बाद विरोध शुरू हो गया।
ग्रामीणों ने कथावाचक और उनके सहयोगी की चोटी व सिर के बाल मुंडवा दिए। तीसरे सहयोगी श्याम कठेरिया (नाल वादक) के साथ भी मारपीट की गई और उनके वाद्य यंत्र क्षतिग्रस्त कर दिए गए।
25 हजार रुपये जुर्माना और दो तोले की सोने की चेन भी ली गई
कथावाचक का कहना है कि ग्रामीणों ने दूसरे कथावाचक को बुलाने के लिए 25 हजार रुपये का कथित ‘जुर्माना’ वसूला और उनकी सोने की चेन भी छीन ली।
आधार कार्ड पर अलग-अलग पहचान, ग्रामीणों को हुआ संदेह
घटना के बाद कथावाचक के पास से दो अलग-अलग आधार कार्ड मिलने का दावा भी किया गया है। एक कार्ड पर नाम मुकुट मणि अग्निहोत्री, निवासी अछल्दा (औरैया) दर्ज है, जबकि दूसरे कार्ड में मुकुट सिंह निवासी कुसगवां अहीरान लिखा है। इससे ग्रामीणों के संदेह को और बल मिला।
कानूनी कार्रवाई, चार आरोपी गिरफ्तार
कथावाचक के सहयोगी संत कुमार यादव की तहरीर पर पप्पू बाबा, अतुल डीलर और 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ बीएनएस की धारा 115(2), 309(2), 351(1) और 352 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
एसएसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि मामले में गंभीर धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया गया है और कठोर कार्रवाई की जाएगी। जांच एएसपी सिटी अभयनाथ त्रिपाठी को सौंपी गई है, जिनके निर्देश पर चार आरोपियों – आशीष तिवारी, उत्तम अवस्थी, प्रथम दुबे और निक्की अवस्थी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
परीक्षित का बयान – मेरे सामने नहीं हुई घटना
कथा में परीक्षित की भूमिका निभा रही जयप्रकाश तिवारी ने कहा कि यह घटना उनके सामने नहीं हुई, बल्कि बाद में जानकारी मिलने पर वे मौके पर पहुंचे और घटना को लेकर खेद जताया।