झारखंड सरकार ने 103 मामलों की समीक्षा के बाद राज्य भर की विभिन्न जेलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 37 दोषियों को रिहा करने का फैसला किया। इससे पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में उनके आवासीय कार्यालय में एक अहम बैठक हुई। झारखंड राज्य दंड समीक्षा बोर्ड की बैठक में यह अहम निर्णय लिया गया।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया, “झारखंड राज्य दंड समीक्षा बोर्ड की एक बैठक यहां आयोजित की गई। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई बैठक में राज्य की विभिन्न जेलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 103 कैदियों की रिहाई के संबंध में समीक्षा की गई। गहन विचार-विमर्श के बाद 37 को रिहा करने पर सहमति बनी।”
सीएम सोरेन ने अधिकारियों को रिहा किए गए कैदियों की पारिवारिक पृष्ठभूमि, सामाजिक और आर्थिक स्थिति की जांच करने का निर्देश दिया। उन्होंने रिहाई के बाद इन लोगों की गतिविधियों पर नज़र रखने और यह सुनिश्चित करने पर भी ज़ोर दिया कि वे सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं में शामिल किए जाएं। मुख्यमंत्री ने साथ ही उनके लिए आजीविका के स्रोत भी सुनिश्चित करने को कहा।