झारखंड पुलिस महानिदेशक अनुराग गुप्ता को अनिवार्य सेवानिवृत्ति का आदेश, केंद्र ने राज्य को पत्र भेजा

झारखंड के पुलिस महानिदेशक (DGP) अनुराग गुप्ता को लेकर केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को पत्र भेजकर निर्देश दिया है कि 30 अप्रैल के बाद वह डीजीपी पद पर बने नहीं रह सकते। केंद्र ने झारखंड सरकार को साफ कहा है कि अनुराग गुप्ता को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाए।

यूपीएससी से टकराव के बाद राज्य सरकार ने बदले नियम
परंपरागत रूप से, डीजी रैंक में प्रमोशन के लिए उन आईपीएस अधिकारियों का चयन होता है, जिनकी सेवा अवधि 30 वर्ष पूरी हो चुकी हो और सेवानिवृत्ति में कम से कम छह महीने का समय शेष हो। इसके तहत राज्य सरकार योग्य अधिकारियों की सूची यूपीएससी को भेजती है, जहां से तीन नामों का पैनल बनाकर राज्य को भेजा जाता है। राज्य सरकार इस पैनल से किसी एक अधिकारी की डीजीपी पद पर नियुक्ति करती है।

हालांकि, यूपीएससी और झारखंड सरकार के बीच विवाद के बाद राज्य ने नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव कर दिया। अब यूपी, पंजाब, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल की तर्ज पर हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में एक चयन समिति गठित की गई। इसी समिति की अनुशंसा पर 2 फरवरी 2025 से अनुराग गुप्ता को नियमित डीजीपी नियुक्त किया गया।

क्या लिखा है अधिसूचना में?
अधिसूचना में उल्लेख है कि अनुराग गुप्ता का कार्यकाल ‘महानिदेशक झारखंड (पुलिस बल प्रमुख) का चयन एवं नियुक्ति नियमावली’ के नियम 10(1) के अनुसार निर्धारित होगा।

कार्यकाल को लेकर भी बना असमंजस
नियमों के अनुसार, डीजीपी का कार्यकाल दो वर्ष का होता है। यदि अनुराग गुप्ता की नियुक्ति 26 जुलाई 2024 से मानी जाती है, तो उनका कार्यकाल 26 जुलाई 2026 तक रहेगा। वहीं, यदि नियुक्ति 28 नवंबर 2024 से मानी जाती है, तो कार्यकाल 28 नवंबर 2026 तक निर्धारित होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *