साइबर क्राइम से त्रस्त जामताड़ा, नकद भुगतान ही हो रहा स्वीकार

ऑनलाइन धोखाधड़ी के कारण जो जामताड़ा पूरी दुनिया में बदनाम हो गया, वहां पर अब ऑनलाइन पैसे भी मुश्किल ही स्वीकार किए जा रहे हैं। यहां तक कि इसको लेकर नोटिस तक लगे हैं। दरअसल जामताड़ा की हर गली और हर गांव में साइबर क्राइम से जुड़ी कहानियां बिखरी पड़ी हैं। ऐसे ही एक चाय की दुकान पर जब पूछा गया कि पैसे कैसे देने हैं तो चायवाले ने सिर्फ नकद पैसे लेने की बात कही। जब वजह पूछी तो बताया कि पुलिस कई बार उससे भी पूछताछ कर चुकी है। ऐसे ही शहर के एक नामचीन पेट्रोल पंप पर किसी ने तीन सौ रुपये का तेल डलवाया। दो दिन बाद उत्तर प्रदेश पुलिस का फोन आया कि ये पैसे साइबर ठगी में इस्तेमाल खाते से ट्रांसफर किए गए थे। बड़ी मुश्किल से पीछा छूटा और पंप पर भी सभी को निर्देश दिया गया कि ऑनलाइन पेमेंट नहीं लेनी है।
पिता रद्दी बेचते थे, बेटे ने बनाई अकूत संपत्ति
जामताड़ा में पुलिस या साइबर सेल के हर एक छापे में कुछ न कुछ नया मिलता है। पिछले दिनों एक करोड़पति साइबर ठग आनंद रक्षित काफी चर्चित हुआ। उस पर साइबर सेल में मुकदमा दर्ज हुआ और सशर्त जमानत मिली। उसकी संपत्ति के बारे में पूछताछ के लिए साइबर सेल ने उसे कई नोटिस भेजे। इस पर उसने जवाब भेजा कि वह अभी व्यापार में व्यस्त है। आनंद के घर छापे में पुलिस को 21 लाख रुपये नकद और कार-स्कूटी सहित तमाम सामान के साथ 23 लाख की संपत्ति के दस्तावेज मिले थे। स्थानीय लोग बताते हैं कि उसके पिता रद्दी बेचते थे। रक्षित साइबर ठगी  में आया और जल्द ही अकूत संपत्ति अर्जित कर ली।

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