बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव क्षेत्र के कारण झारखंड में मानसून पूरी तरह सक्रिय हो गया है। राजधानी रांची सहित कई जिलों में सोमवार को तीन घंटे तक मूसलाधार बारिश हुई, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। बारिश के कारण शहर के बीच स्थित नागरमल सेवा सदन अस्पताल में पानी घुस गया। अस्पताल परिसर में जलजमाव के चलते मरीजों और उनके परिजनों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं, शहर के कई मोहल्लों और घरों में भी नाले का गंदा पानी घुस गया, जिससे लोगों की मुश्किलें और बढ़ गईं।
यलो अलर्ट जारी, वज्रपात की चेतावनी
मौसम विभाग ने झारखंड के कई जिलों में भारी बारिश को लेकर यलो अलर्ट जारी किया है। देवघर, धनबाद, पाकुड़, दुमका, गिरिडीह, गोड्डा, जामताड़ा और साहिबगंज में वज्रपात की भी आशंका जताई गई है। लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी गई है।
अब तक सामान्य से 257% अधिक बारिश
मौसम विभाग के अनुसार, रांची का अधिकतम तापमान 29 डिग्री और न्यूनतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है। अब तक रांची में 412.2 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य से 257 प्रतिशत अधिक है। 24 और 25 जून को झारखंड के दक्षिण-पश्चिमी हिस्सों में भी भारी बारिश की संभावना जताई गई है। इन दिनों भी वज्रपात के साथ यलो अलर्ट प्रभावी रहेगा। 26 जून को भी गरज-तड़क के साथ बारिश होने की संभावना है।
नालों की सफाई अधूरी, प्रशासन के दावों पर उठे सवाल
लगातार बारिश के कारण शहर की सड़कों पर पानी बह रहा है। अधिकांश नाले जाम हो चुके हैं, जिससे जलनिकासी ठप हो गई है। हालांकि, रांची नगर निगम की सहायक प्रशासक निहारिका तिर्की ने दावा किया कि सफाईकर्मी बारिश के दौरान भी तैनात हैं और अधिकांश नालों की सफाई कर दी गई है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि कई स्थानों पर आउटलेट की तकनीकी दिक्कतें बनी हुई हैं, जिन पर कार्य जारी है।
जनता का फूटा गुस्सा
स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर निगम की टीमें हर बार की तरह इस बार भी घटना के बाद ही सक्रिय होती हैं। उन्हें पहले से तैयारी रखनी चाहिए थी। हर वर्ष की तरह इस बार भी रांची जलप्रलय जैसी स्थिति का सामना कर रहा है, और आम जनता के धैर्य का बांध अब टूटता जा रहा है।