देश की टैक्स व्यवस्था को सरल बनाने के लिए केंद्र सरकार ने GST 2.0 लागू करने का बड़ा ऐलान किया है। नए ढांचे में अब सिर्फ दो टैक्स स्लैब – 5% और 18% रहेंगे, लेकिन सरकार ने “सिन गुड्स” और लग्जरी आइटम्स पर सख्ती दिखाते हुए इन्हें सबसे ऊंचे 40% टैक्स स्लैब में डाल दिया है। इस फैसले का सीधा असर कोल्ड ड्रिंक, एनर्जी ड्रिंक, तंबाकू, सिगरेट और लग्जरी गाड़ियों पर पड़ेगा। यानी आम आदमी की जेब अब और ढीली होने वाली है।
शराब पर टैक्स का क्या होगा?
बहुत से लोगों के मन में सवाल है कि शराब पर भी क्या असर पड़ेगा? दरअसल, शराब पर GST लागू ही नहीं होता। उस पर राज्यों के अपने टैक्स और एक्साइज ड्यूटी लगती हैं। इसलिए इस बार शराब की कीमतों पर कोई सीधा असर नहीं होगा। लेकिन बाकी “सिन गुड्स” के महंगे होने से खर्च ज़रूर बढ़ जाएगा।
कोल्ड ड्रिंक प्रेमियों के लिए बुरी खबर
अब कोका-कोला, पेप्सी जैसे सभी कार्बोनेटेड ड्रिंक्स पर 40% GST देना होगा। पहले ये दर 28% थी। कैफिन वाले एनर्जी ड्रिंक और शुगर से भरे फ्लेवर ड्रिंक भी इसी कैटेगरी में आ गए हैं। हालांकि, फ्रूट जूस बेस्ड ड्रिंक्स, सोया मिल्क और प्लांट-बेस्ड मिल्क पर राहत देते हुए टैक्स दर घटाकर सिर्फ 5% कर दी गई है।
तंबाकू और सिगरेट पर सख्ती
सिगरेट, गुटखा, पान मसाला और अन्य तंबाकू उत्पादों को भी 40% टैक्स स्लैब में डाला गया है। अभी तक सिगरेट पर 28% GST के साथ अतिरिक्त सेस भी लगता था। सरकार ने साफ कर दिया है कि जब तक पुराने कर्ज और सेस की वसूली पूरी नहीं हो जाती, तब तक इन उत्पादों पर मौजूदा टैक्स ढांचा जारी रहेगा।
लग्जरी गाड़ियों और महंगे सामान पर असर
1200cc से ऊपर की पेट्रोल कार और 1500cc से ऊपर की डीज़ल गाड़ियों पर अब 40% GST लगेगा। यही नहीं, महंगे इम्पोर्टेड आइटम्स और लग्जरी प्रोडक्ट्स को भी इस टैक्स स्लैब में शामिल किया गया है।
सरकार का तर्क – सेहत और राजस्व दोनों का संतुलन
सरकार का कहना है कि जिन चीजों को “सिन गुड्स” कहा जाता है, वे स्वास्थ्य और समाज के लिए हानिकारक हैं। इन पर टैक्स बढ़ाने से लोगों की खपत कम होगी और साथ ही सरकार को अधिक राजस्व मिलेगा। यह अतिरिक्त पैसा स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण योजनाओं में खर्च किया जाएगा।
आपकी जेब पर असर
- अगर आप कोल्ड ड्रिंक, एनर्जी ड्रिंक या तंबाकू उत्पादों के शौकीन हैं, तो अब इनके लिए ज्यादा पैसे चुकाने होंगे।
- लग्जरी कार खरीदने वालों के लिए भी खर्चा बढ़ेगा।
- हालांकि, जूस-बेस्ड और हेल्दी ड्रिंक्स पीने वालों के लिए राहत जरूर है।
कुल मिलाकर, GST 2.0 के तहत सरकार ने टैक्स स्ट्रक्चर को सरल तो किया है, लेकिन जिन उत्पादों को “लक्जरी” या “सिन गुड्स” माना गया है, उनके दाम अब आसमान छूने वाले हैं।