चंडीगढ़: मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में वीरवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में औद्योगिक प्लॉटों के विभाजन और उपयोग में लचीलापन देने का अहम निर्णय लिया गया। अब राज्य के औद्योगिक क्षेत्रों में अस्पताल, होटल, आवासीय भवन और औद्योगिक पार्क भी विकसित किए जा सकेंगे। यह फैसला लंबे समय से उद्योगपतियों की कन्वर्जन (CLU) संबंधी मांग को देखते हुए लिया गया है।
कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने बताया कि अब 1,000 से 4,000 गज के औद्योगिक प्लॉटों पर कन्वर्जन शुल्क देकर विविध उपयोग की अनुमति मिलेगी। सरकार ने कन्वर्जन के लिए 12.5% शुल्क निर्धारित किया है। वहीं, 40,000 गज तक के प्लॉटों पर औद्योगिक पार्क स्थापित करने की भी अनुमति दी गई है, जिनमें 60% क्षेत्र उद्योग के लिए, 30% आवासीय और 10% वाणिज्यिक उपयोग के लिए आरक्षित होगा।
अरोड़ा ने बताया कि इससे राज्य में औद्योगिक विकास को नई गति मिलेगी। हालांकि, इससे होने वाले राजस्व लाभ का आंकलन इस बात पर निर्भर करेगा कि कितने लोग इस योजना के तहत आवेदन करते हैं।
अन्य अहम निर्णय:
- जल संसाधन विभाग में सेवा नियमों में बदलाव:
कैबिनेट ने जल संसाधन विभाग में जूनियर इंजीनियर (ग्रुप-B) सेवा नियमों में संशोधन को मंजूरी दी है। अब पदोन्नति के लिए आरक्षित 15% रिक्तियों में से 10% को जूनियर ड्राफ्ट्समैन, सर्वेयर, वर्क मिस्त्री आदि पदों से भरा जाएगा। - लीज होल्ड से फ्री होल्ड प्लॉट में तबदीली:
पंजाब स्टेट इंडस्ट्रियल एक्सपोर्ट कॉर्पोरेशन (PSIEC) के अधीन लीज होल्ड औद्योगिक प्लॉटों और शेड्स को अब ₹20 प्रति वर्ग गज के भुगतान पर फ्री होल्ड में बदला जा सकेगा। इससे सरकार और PSIEC को करीब ₹1,000 करोड़ की आमदनी होने की उम्मीद है। - एमएसई फैसिलिटेशन काउंसिल नियमों में संशोधन:
एमएसएमई डिवेलपमेंट एक्ट, 2006 के तहत राज्य में भुगतान विवादों के समाधान के लिए एमएसई फैसिलिटेशन काउंसिल नियम-2021 में संशोधन को भी मंजूरी दी गई है। अब भू-राजस्व कानून के अंतर्गत भुगतान आदेशों की वसूली की जाएगी, जिससे देरी को रोका जा सकेगा।