दिल्ली को मिला नया दिव्यांग पार्क, 90 लाख की योजना के तहत निर्मित; ओपन जिम की भी सुविधा

पूर्वी दिल्ली में यमुनापार के पहले दिव्यांग पार्क को खुलने में वक्त लगेगा। अब इसमें एसटीपी बनाने का प्रविधान किया जा रहा है। इस कार्य में छह माह से अधिक का समय लग सकता है। क्योंकि अभी एसटीपी बनाने का प्रस्ताव स्वीकृति लेने की प्रक्रिया में है। यहां सवाल यह है कि एक साल से तैयार इस पार्क में पहले इस बारे में क्यों नहीं सोचा गया। पहले ही एसटीपी बनवा दिया होता तो लोगों के लिए पार्क खोला जा सकता था।
टिंबर मार्केट वाली लोनी रोड स्थित दो एकड़ के भूखंड पर दिव्यांग पार्क बना है। इसमें प्रवेश से लेकर अंदर घूमने के लिए पैदल पथ तक दिव्यांगों के अनुकूल बनाए गए हैं। प्रवेश द्वार पर सीढी़ के साथ रैंप है, ताकि पैरों से दिव्यांग व्हीलचेयर पर बैठकर आसानी से अंदर जा सकें। दृष्टिबाधितों के लिए पैदल पथ पर पीले रंग के स्पर्शीय टाइल्स लगाए हैं, जिसके जरिये वह आसानी से चल सकेंगे। बैठने के लिए बेंच लगे हैं।
बताया गया कि गजीबो यानी झोपड़ी आकार में बैठक भी बनाई है। सुंदरता के लिए फूलों से लेकर सजावटी पौधे लगाए गए हैं। इसमें उनके लिए ओपन जिम भी है। जिम के उपकरण दिव्यांगों के अनुकूल हैं। इसमें चेस्ट प्रेस, आर्म एक्सटेंशन, आर्म साइकिल, पुलअप रैक, आर्म एक्सरसाइजर समेत कई उपकरण लगे हैं। अमृत योजना के तहत करीब 90 लाख रुपये की लागत से यह बना है।
शाहदरा उत्तरी जोन के उद्यान विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पार्क को एसटीपी बनने के बाद खोला जाएगा। एसटीपी की करीब 20 केएलडी होगी।
मनोरंजन के लिए लगे हैं वाद्य यंत्र
दिव्यांग बच्चों के मनोरंजन के लिए इस पार्क में पूरी व्यवस्था है। एक हिस्से में अलग-अलग तरीके के वाद्य यंत्र लगाए गए हैं। बच्चे इस हिस्से में आकर वाद्य यंत्र बजाना सीख सकेंगे। इन यंत्रों में काजोन ड्रम, बाबेल ड्रम (छोटे व बड़े), पैपिलियो बेल, फ्री चाइम्स, रेनबो सांबा, कांगो आदि शामिल हैं। झूले भी इनको ध्यान में रखकर लगाए हैं। उनमें सुरक्षा बेल्ट का प्रविधान है। इनमें व्हील चेयर स्विंग, सीटर स्विंग, सीटर स्प्रिंग सी-सा, ईटर एमजीआर झूला लगा है।

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