हरिद्वार। इनफर्टिलिटी स्पेशलिस्ट डॉ संध्या शर्मा ने कहा है गर्भधारण करने के लिए महिलाओं में ओवुलेशन अथवा एग्ग का समय पर बनना और पीरियड सायकल का नियमित होना जरूरी है। उम्र बढ़ने के साथ अण्डे बनने की प्रक्रिया शिथिल हो जाती है।35वर्ष की आयु के बाद अंड़ेदानी में अण्डों की मात्रा कम होती चली जाती है। और गर्भधारण करना एक समस्या बन सकती है।
फेडरेशन ऑफ आब्सटेट्रिक एंड गायनोइकॉलॉजिकल सोसायटीज ऑफ इंडिया के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में आईवीएफ विशेषज्ञ चिकित्सकों ने प्रसूति, स्त्री रोग एवं महिलाओं में प्रजनन क्षमता की कमी और स्वास्थ्य समाधान पर डिशक्सन किया। फैक्लटी के रूप में प्रतिभाग कर कॉफ्रेंस से लौटी डॉ संध्या शर्मा ने कहा विवाह के उपरांत समय से गर्भधारण करना चाहिए। गर्भधारण में देरी होती है तो आई वी एफ एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें।
देर में शादी होने के कारण अंड़ेदानी में कमजोरी की समस्या हो सकती है।
अंड़ेदानी में अंडो की संख्या और क्वालिटी यह समस्या देखने के लिए कुछ टेस्ट भी होते हैं और अल्ट्रासाउंड द्वारा भी इनका पता लगाया जाता है कि एग्ग कितनी मात्रा में हैं।
डॉ संध्या शर्मा ने बताया पीरियड के दौरान कुछ टेस्ट होते हैं टेस्ट रिपोर्ट्स देखने के बाद उपचार का तरीका बताया जाता है। नवीन तकनीक जैसे डबल स्टिमुलेशन द्वारा एग्ग बनाना और अंड़ेदानी में इंजेक्शन से दवा डालना इस तरह की तकनीक आजकल उपलब्ध है समय से शादी करना सबसे अच्छा उपाय है