स्वरूप पुरी/सुनील पाल
अपने वनों व पर्यावरण के लिए विख्यात राज्य के जंगल अब पूरी तरह से असुरक्षित हो गए है। मंगलवार को गदरपुर के पड़किया, गदगदिया पश्चिमी बीट में हुई एक घटना, चर्चा बनी हुई है। इस छेत्र में प्लाट संख्या 89 में जब वन कर्मी गस्त पर थे तो उसी दौरान कुछ वन तस्कर आठ बाइको में अवैध रूप से सागौन व खैर की लकड़ी लाते हुए दिखे। करीब 15 की संख्या में वन तस्करों को जब रोका गया तो उन्होनो वह कर्मियों पर फायर झोंक दिया। गनीमत रही कि तस्करों द्वारा झोंका गया फायर किसी को नही लगा। मगर पकड़ धकड़ के दौरान एक तस्कर ने पाठल से एक वन कर्मी पर हमला कर दिया। इस हमले के बाद सभी तस्कर अवैध रूप से ले जाई जा रही लकड़ी को मौके पर छोड़ फरार हो गए। । वहीं इस घटना के बाद गदरपुर थाने में वन महकमे द्वारा 15 लोगो के खिलाफ तहरीर दी गयी है।
राज्य के हर वन क्षेत्र मे लकड़ी तस्करो का आतंक , सो रहे जिम्मेदार अधिकारी, खोखले जंगल बने वन्यजीवों के लिए संकट
राज्य में मौजूद नेशनल पार्को, टाइगर रिजर्वो व टेरिटोरियल फ़ॉरेस्ट इन दिनों भीतर से खोखले होते जा रहे है। आप किसी भी क्षेत्र में चले जाएं , आपको हर क्षेत्र में लकड़ी के गट्ठर लादे लोग दिख जाएंगे। ये लोग संघटित तरीके से हर रोज जंगलों को भीतर से खोखला कर रहे। वहीं इसे वनकर्मियों की लापरवाही कहे या फिर कार्यवाही न करने की हिम्मत जो की इन तस्करों के हौसले बड़ा रही है। मैदानी क्षेत्रों की बात करे तो आज जंगलों के भीतर इन तस्करों द्वारा नियमित प्रवेश वन्यजीव संरक्षण के लिए भी चुनौती बन चुका है। खोखले जंगलों व चारा पत्ती के पेड़ों के न होने से वन्यजीव आबादी का रुख कर रहे है। गदरपुर की इस घटना के बाद राज्य का वन महकमा अब क्या कारवाही करता है, यह बड़ा सवाल है।