भीषण गर्मी में गजराजों की मस्ती, राजाजी के प्रयास हुए कारगर, बड़े वाटरहोल्स रोक रहे मानव वन्यजीव संघर्ष

स्वरूप पुरी/सुनील पाल

राज्य में इन दिनों बढ़ती गर्मी एक बड़ा संकट ले कर आई है। इंसानों के साथ ही वन्यजीवों के लिए भी बढ़ता तापमान बड़ी समस्या बन रहा है। हर वर्ष जंगलों में पानी की कमी के चलते अक्सर वन्यजीव आबादी छेत्रो का रुख कर लेते थे। हालांकि हर वर्ष जंगलों में पानी तो उपलब्ध कराया जाता था मगर वन्यजीवों का रुख इसके बाद भी आबादी की ओर रहता था। मगर इस बार ऐसा नही हो रहा है। राजाजी टाइगर रिजर्व ने इस बड़ी समस्या पर काफी हद तक निस्तारण कर दिया है। पार्क प्रसाशन द्वारा पार्क की सभी 10 रेंजों में कई छोटे बड़े वाटरहोल्स को रिचार्ज किया गया है। इसके साथ ही वनकर्मियों की टीम लगातार इन छेत्रो की मॉनिटरिंग कर जंहा जंहा पानी कम है वँहा पानी उपलब्ध करा रही है।

मोतीचूर व कांसरो में बनाए गए 5 बड़े जलाशय, वन्यजीवों के लिए बने वरदान, गजराजों की अठखेलिया लुभा रही पर्यटकों को

राजाजी टाइगर रिजर्व की मोतीचूर व कांसरो रेंज में पांच बड़े जलाशयो को निर्मित किया गया है। ये विशाल जलाशय प्राकृतिक जलश्रोतों से भरे जा रहे है। मोतीचूर की में स्थित जलाशय में दिन भर जंगली गजराजों की अठखेलिया उन्हें आबादी में जाने से रोक रही है। इसके साथ ही इन दोनों रेंजों के अन्य छेत्रो में 47 छोटे ,मध्यम वाटरहोल्स का सुधारीकरण किया गया है। 

स्थानीय ग्रामीण भी कर रहे सहयोग,टैंकरों के माध्यम से उपलब्ध करा रहे जल

आबादी छेत्रो में हर वर्ष मानव वन्यजीव संकट देखने को मिलता था। पानी की तलाश में अक्सर गजराजों की चहलकदमी आबादी का रुख कर लेती थी। इस समस्या को निस्तारण के लिए आबादी से सटे जंगलों में कुछ नए कच्चे पक्के छोटे वाटरहोल्स बनाए गए है। कांसरो के बुल्लावाला छेत्र में बनाए इन वाटर होल्स में स्थानीय वन्यजीव प्रेमी भी पानी के टैंकर उपलब्ध करा वन महकमे के सहयोगी बन रहे है। आबादी छेत्र में बने इन वाटरहोल्स मे पानी मिल जाने के कारण अब गजराजों के झुंड आबादी का रुख कम कर रहे है।

“गर्मी को देखते हुए इस बार पहले से ही सभी वाटरहोल्स को दुरुस्त कर दिया गया था,राजाजी निदेशक साकेत बडोला जी के निर्देश पर पांच बड़े वाटरहोल्स का निर्माण कराया गया है, इन वाटरहोल्स के बन जाने के बाद अब वन्यजीवों को भरपूर मात्रा में पानी मिल रहा है, आबादी छेत्रो के निकट बने वाटरहोल्स में लगातार टैंकरों के माध्यम से जलापूर्ति की जा रही है, वन्यजीवों के संरक्षण व संवर्धन को लेकर सभी टीमें लगातार मोनिटरिंग कर जलाशयों की निगरानी कर रही है। “

महेश सेमवाल, रेंज अधिकारी मोतीचूर रेंज राजाजी।

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