देहरादून के रायपुर क्षेत्र में स्थित ओप्टो इलेक्ट्रॉनिक फैक्ट्री में कॉन्ट्रैक्ट मजदूरों के साथ अवैध वसूली और शोषण के गंभीर आरोप सामने आए हैं। मजदूरों का कहना है कि फैक्ट्री के मैनेजर उनसे हर महीने 4 से 5 हजार रुपये तक की वसूली कर रहे थे। इसके अलावा कार्यस्थल पर गाली-गलौज और दुर्व्यवहार भी किए जाने की शिकायतें हैं। विरोध करने पर नौकरी से निकालने और फर्जी मुकदमे दर्ज करने की धमकी दी जाती थी।
मजदूरों ने किया विरोध प्रदर्शन
अवैध वसूली और शोषण के विरोध में फैक्ट्री के सभी कॉन्ट्रैक्ट मजदूर आज सुबह मुख्य द्वार पर इकट्ठा हुए और बहिष्कार की योजना बनाई। फैक्ट्री प्रशासन ने शुरुआत में उन्हें विरोध जताने से रोकने की कोशिश की। लेकिन उत्तराखंड इंटक के पदाधिकारीयों के आगमन के बाद मजदूरों का हौसला बढ़ा और उनका आवाज़ बुलंद हुई।
इंटक ने की कार्रवाई की मांग
उत्तराखंड इंटक के जिलाध्यक्ष अनिल कुमार, सचिव देव सिंह पंवार और युवा प्रदेश अध्यक्ष पंकज क्षेत्री के नेतृत्व में तीन सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने फैक्ट्री प्रशासन से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को मजदूरों पर हो रहे शोषण और अवैध वसूली की जानकारी दी और उचित कार्रवाई की मांग की।
प्रशासन का आश्वासन
फैक्ट्री के प्रशासनिक अधिकारी अवधेश कुमार यादव ने प्रतिनिधि मंडल से लंबी बातचीत के बाद भरोसा दिया कि दोषी निजी कंपनी को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा उन्होंने कहा कि जब तक नई कंपनी से कॉन्ट्रेक्ट नहीं होता, फैक्ट्री सीधे मजदूरों के खातों में प्रतिमाह तनख्वाह भेजेगी।
मजदूरों में संतोष
इंटक के हस्तक्षेप और प्रशासनिक आश्वासन के बाद मजदूरों में संतोष का माहौल देखा गया। उन्होंने कहा कि अब उन्हें उम्मीद है कि उनके अधिकार सुरक्षित रहेंगे और किसी भी प्रकार की अवैध वसूली या शोषण की घटनाओं पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उत्तराखंड में कॉन्ट्रैक्ट मजदूरों के हित में यह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की कार्रवाई से भविष्य में अन्य कंपनियों में भी मजदूरों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित होगी।