तारामंडल क्षेत्र में मीटर रीडिंग न होने से उपभोक्ता परेशान, बिजली निगम ने की कड़ी कार्रवाई
तारामंडल क्षेत्र के श्रीराम सिंह के घर पर इलेक्ट्रॉनिक मीटर लगा हुआ है, जिसके आधार पर वे हर महीने बिजली बिल का भुगतान करते हैं। लेकिन पिछले कुछ महीनों से मीटर रीडर नहीं आ रहे हैं, जिससे बिल नहीं बन पा रहा है। श्रीराम सिंह ने बताया कि गर्मी में बिजली की खपत बढ़ गई है और बिल समय पर न बनने के कारण एकमुश्त हजारों रुपये का भुगतान करना पड़ सकता है। इसी प्रकार, दयाशंकर पांडेय भी बिल न बनने से परेशान हैं। उनका बेटा बाहर रहता है और मोबाइल फोन से वीडियो बनाकर अभियंताओं से संपर्क करने में असमर्थ है।
मीटर रीडिंग एजेंसी बदली गई, रीडर क्षेत्र से दूर तैनात
बिजली निगम ने मीटर रीडिंग एजेंसी बदल दी है। नई एजेंसी ने पुराने मीटर रीडरों को तैनाती दी है, लेकिन उनके क्षेत्रों को बदल दिया गया है। अब मीटर रीडर जहां पहले रीडिंग करते थे, वहां से काफी दूर ड्यूटी पर लगाए गए हैं। इससे वे समय से अपने क्षेत्र में पहुंच नहीं पा रहे हैं और पूरी जानकारी भी नहीं मिल पा रही। नतीजतन, कुछ ही उपभोक्ताओं के बिल बन पा रहे हैं।
स्मार्ट मीटर लगाने के बाद रीडरों को हो रही परेशानी
जिले में एक लाख से ज्यादा परिसरों में स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। कई कॉलोनियों में अधिकांश घरों पर स्मार्ट मीटर लग चुके हैं, लेकिन मीटर रीडरों को बचे हुए घरों की पहचान करने में दिक्कत हो रही है।
महीने की 25 तारीख तक बिजली निगम की लक्ष्य शत प्रतिशत मीटर रीडिंग लेने की होती है, लेकिन इस बार कई क्षेत्रों में केवल 50 से 70 प्रतिशत रीडिंग ही हो पाई है। इसके चलते हजारों उपभोक्ता स्वयं मीटर रीडिंग का वीडियो लेकर खंड कार्यालयों में बिल बनवाने को मजबूर हैं।
मीटर रीडरों की कड़ी फटकार और चेतावनी
अधिशासी अभियंता अतुल रघुवंशी ने बताया कि सभी मीटर रीडरों को खंड कार्यालय बुलाकर परेड कराई गई है। उन्हें निर्देश दिए गए हैं कि मीटर की फोटो खींचने के साथ-साथ प्रोब आधारित बिलिंग करें। इससे वास्तविक रीडिंग और मांग के अनुसार बिल बनेंगे। यदि कोई उपभोक्ता अपनी कनेक्शन क्षमता से अधिक बिजली उपयोग करता है, तो इसकी जानकारी मिलकर जुर्माना लगाया जाएगा।
उन्होंने स्पष्ट किया कि लापरवाही करने वालों को सख्त चेतावनी दी गई है और सुधार न होने पर ऐसे मीटर रीडरों को बर्खास्त भी किया जाएगा।