संत रविदास और बाबा साहब को याद कर CM योगी: ‘इनके विचार मानव जीवन को देते हैं नई दिशा’

मुजफ्फरनगर (शुकतीर्थ): मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को शुकतीर्थ स्थित सतगुरु समानदास आश्रम में आयोजित संत समागम को संबोधित करते हुए कहा कि संत रविदास ने समाज को आडंबर और भेदभाव से मुक्त करने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा, “संत रविदास का मंत्र ‘मन चंगा तो कठौती में गंगा’ न केवल आध्यात्मिक चेतना का प्रतीक है, बल्कि यह मानव जीवन में पवित्रता और निर्मलता की ओर प्रेरित करता है।”
सीएम योगी ने कहा कि संत रविदास के विचार आज भी प्रासंगिक हैं। उन्होंने समाज में समानता, सेवा और समरसता का संदेश दिया, जिसे आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबका साथ-सबका विकास के संकल्प के साथ आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने उल्लेख किया कि कोरोना काल में 21 करोड़ लोगों को अन्न वितरण किया गया, जो संत रविदास की विचारधारा को मूर्त रूप देने का प्रमाण है।
“बाबा साहब को भाजपा सरकार में मिला सच्चा सम्मान”
मुख्यमंत्री ने डॉ. भीमराव अंबेडकर के योगदान को याद करते हुए कहा कि आज़ादी के बाद कई सरकारें आईं, लेकिन किसी ने बाबा साहब को वह सम्मान नहीं दिया, जो उन्हें मिलना चाहिए था। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पंच तीर्थ का निर्माण हुआ है, जो बाबा साहब के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है।”
योगी आदित्यनाथ ने कानून-व्यवस्था की मजबूती का हवाला देते हुए कहा कि अब ‘कैराना और कांधला’ जैसे इलाकों से पलायन की घटनाएं नहीं होतीं, क्योंकि सरकार ने सुरक्षा का माहौल बनाया है। उन्होंने इसे जनता के सहयोग और आशीर्वाद से मिली आत्मशक्ति का प्रमाण बताया।
शुकतीर्थ का ऐतिहासिक गौरव
मुख्यमंत्री ने शुकतीर्थ की ऐतिहासिक महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “दुनिया में शायद ही कोई स्थान होगा, जहां लोग अपने इतिहास की 5000 वर्षों पुरानी विरासत को इतनी गहराई से महसूस करते हों। यह भूमि धर्म, संस्कृति और परंपरा का केंद्र रही है।”
श्रद्धांजलि और घोषणाएं
समागम से पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सतगुरु समानदास महाराज की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की और समाधि स्थल पर पुष्पांजलि दी। उन्होंने आश्रम के मुख्य द्वार के सुंदरीकरण कार्य का लोकार्पण भी किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कई विकास कार्यों की घोषणा की। उन्होंने बताया कि निकट भविष्य में सतगुरु समानदास महाराज, स्वामी ज्ञान भिक्षुक महाराज और अन्य पूज्य संतों के नाम पर घाटों का निर्माण कराया जाएगा। साथ ही, क्षेत्रीय सड़कों के चौड़ीकरण, पार्क और आश्रम परिसर में सत्संग भवन के निर्माण की भी योजना है।

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