नई दिल्ली: दिल्ली के हिस्से में आने वाली मुनक नहर के रखरखाव को लेकर एक अहम पहल सामने आई है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस नहर की देखरेख की ज़िम्मेदारी दिल्ली सरकार को सौंपने की वकालत की है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार इसके रखरखाव को बेहतर तरीके से संभाल सकती है, जिससे जल बर्बादी रुकेगी और नागरिकों को साफ़ पानी मिल सकेगा।
हरियाणा सरकार के पास है रखरखाव की जिम्मेदारी
मुनक नहर का रखरखाव वर्तमान में हरियाणा सरकार के अधीन है। लेकिन संवेदनशील स्थलों पर नहर की टूट-फूट और लापरवाही के कारण इसका पानी बर्बाद हो रहा है और जल स्रोत दूषित भी हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह नहर न केवल जलापूर्ति का एक प्रमुख स्रोत है बल्कि दिल्ली की सांस्कृतिक और धार्मिक गतिविधियों से भी जुड़ी है। विशेषकर छठ पर्व के आयोजन में इसकी अहम भूमिका है।
20 लाख लोगों की प्यास बुझाता है मुनक नहर का पानी
रेखा गुप्ता ने बताया कि यह नहर बवाना से दिल्ली में प्रवेश करती है और इंद्रलोक के पास समाप्त होती है, जिसकी लंबाई लगभग 20 किलोमीटर है। इसी नहर से 200 मिलियन गैलन प्रतिदिन (MGD) पानी हैदरपुर जल शोधन संयंत्र को मिलता है, जिससे करीब 20 लाख लोगों को पेयजल आपूर्ति होती है।
हालांकि, दिल्ली सरकार की इस नहर के रखरखाव और सुरक्षा में कोई भूमिका नहीं है। कई स्थानों पर नहर अधूरी या क्षतिग्रस्त है, जिससे जल बर्बादी और प्रदूषण की स्थिति बनी रहती है।
एलिवेटेड कॉरिडोर परियोजना को भी होगा लाभ
मुख्यमंत्री ने कहा कि नहर के ऊपर प्रस्तावित एलिवेटेड कॉरिडोर के निर्माण में भी अगर दिल्ली सरकार को रखरखाव की जिम्मेदारी मिलती है तो यह कार्य सुचारू रूप से आगे बढ़ सकेगा।
संवाद और सहयोग की दिशा में कदम
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस मुद्दे पर पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा के साथ हरियाणा के सिंचाई विभाग, एनएचएआई, वन विभाग और अन्य संबंधित एजेंसियों के अधिकारियों के साथ बैठक की।
बैठक में हरियाणा के अधिकारियों ने सैद्धांतिक रूप से सहमति जताई कि उन्हें दिल्ली सरकार को जिम्मेदारी सौंपने में कोई आपत्ति नहीं है।
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि वह इस विषय पर जल्द ही हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से औपचारिक बातचीत करेंगी ताकि मुनक नहर का रखरखाव दिल्ली सरकार के अधीन लाया जा सके।